Sunday, 6 July 2025

राजस्थान की प्रमुख सिंचाई परियोजनाएं✍

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राजस्थान की प्रमुख सिंचाई परियोजनाएं✍



प्रमुख सिंचाई परियोजनाएँ

● राजस्थान राज्य के लोक निर्माण विभाग से अलग होने के बाद 14 सितम्बर, 1949 को सिंचाई विभाग अस्तित्व में आया।

● राजस्थान जहाँ वर्षा की मात्रा अनिश्चित है। राज्य में मरुस्थलीय एवं अर्द्ध- मरुस्थलीय शुष्क दशाएँ प्रभावी होने के कारण सूखे और अकाल का प्रकोप होने से यहाँ सिंचाई की सर्वाधिक आवश्यकता है।

● स्वतंत्रता के पश्चात् राज्य में सिंचाई के क्षेत्र में विकास करने हेतु वर्ष 1950-51 में प्रथम पंचवर्षीय योजना के तहत तीन प्रकार की सिंचाई परियोजनाओं का निर्माण किया गया –

            1. वृहद् श्रेणी

            2. मध्यम श्रेणी

            3. लघु श्रेणी

● वर्तमान में राजस्थान में चार प्रकार की सिंचाई परियोजनाएँ हैं–

            1. बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजना

            2. वृहद् श्रेणी

            3. मध्यम श्रेणी

            4. लघु श्रेणी

राजस्थान में सिंचाई के प्रमुख साधन :-

● राजस्थान में देश के कुल सतही जल का मात्र 1.16 प्रतिशत जल उपलब्ध है।

● वर्षा की अनियमितता तथा अनिश्चितता के कारण राजस्थान में कृषि सिंचाई पर निर्भर है।

● राजस्थान में सिंचाई के प्रमुख साधन कुएँ, नलकूप, नहरें व तालाब हैं।

(i) कुएँ एवं नलकूप– राजस्थान में सिंचाई का प्रधान साधन है। कुओं एवं नलकूपों से सर्वाधिक सिंचाई भरतपुर, अलवर, उदयपुर व अजमेर जिलों में होती हैं।

(ii) नहरें- राजस्थान में नहरों द्वारा सिंचाई होती है। राज्य में नहरों द्वारा सिंचाई सर्वाधिक श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, जैसलमेर, कोटा, बूँदी, डूँगरपुर तथा बाँसवाड़ा जिलों में होती हैं।

(iii) तालाब- राजस्थान में तालाबों से सिंचाई का प्रचलन प्राचीन है। तालाबों द्वारा सर्वाधिक सिंचाई भीलवाड़ा जिले में होती है। राजस्थान में तालाबों द्वारा सिंचाई भीलवाड़ा, उदयपुर, राजसमंद, चित्तौड़गढ़, बाँसवाड़ा, बूँदी, टोंक, अजमेर, जयपुर, कोटा, डूँगरपुर व सवाई माधोपुर में होती हैं।

राजस्थान की बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजनाएँ :-

● ऐसी परियोजनाएँ, जिनका निर्माण एक से अधिक उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु किया जाता है; जैसे – पेयजल एवं सिंचाई, जल विद्युत उत्पादन, बाढ़ नियंत्रण, जैव विविधता संरक्षण तथा कृषि एवं पशुपालन विकास प्रमुख बहुउद्देशीय योजनाएँ है।

● पंडित जवाहर लाल नेहरू ने बहुउद्देश्यीय परियोजना को “आधुनिक भारत का मंदिर” कहा था।

● भाखड़ा-नांगल परियोजना, चम्बल परियोजना, माही बजाज सागर योजना आदि।

(1) भाखड़ा – नांगल परियोजना :-

● यह भारत की सबसे बड़ी बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजना है।

● पंजाब के होशियारपुर जिले में सतलज नदी पर स्थित यह राजस्थान, पंजाब और हरियाणा की संयुक्त परियोजना है, जिसमें राजस्थान की हिस्सेदारी 15.2 प्रतिशत है।

● भाखड़ा बाँध के निर्माण का सर्वप्रथम विचार वर्ष 1908 में पंजाब के गवर्नर लुइस डेन ने दिया था। मार्च, 1948 में परियोजना शुरू हुई तथा 17 नवम्बर, 1955 को तात्कालिक प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की उपस्थिति में कंक्रीट के द्वारा भाखड़ा बाँध का निर्माण प्रारंभ हुआ (अमेरिकी बाँध निर्माता हॉर्वे स्लोकेम के निर्देशन में)। वर्ष 1963 में जवाहर लाल नेहरू ने यह बाँध राष्ट्र को समर्पित किया।

● भाखड़ा बाँध भूकम्पीय क्षेत्र में स्थित एशिया का सबसे ऊँचा कंक्रीट का गुरुत्वीय बाँध है, जिसकी ऊँचाई 741 फीट (226 मीटर) है।

● पंडित जवाहर लाल नेहरू ने भाखड़ा बाँध को ‘चमत्कारिक विराट ‘वस्तु’ का था।

● इस परियोजना से राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले को सिंचाई का लाभ प्राप्त हो रहा है।

● इस बाँध की कुल जल विद्युत उत्पादन क्षमता 1516 MW है।

(i) भाखड़ा बाँध –

● यह बाँध सतलज नदी पर हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर (हिमाचल प्रदेश) में बना हुआ है।

● इस बाँध के पीछे गोविंद सागर झील स्थित है।

● भाखड़ा-नांगल परियोजना राजस्थान, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध करवाती है।

(ii) नांगल बाँध –

● इसका निर्माण वर्ष 1952 में पूर्ण हुआ।

● यह भाखड़ा बाँध से 13 किलोमीटर नीचे की ओर रोपड़ (पंजाब) में स्थित है।

● इससे सिंचाई हेतु दो नहरें निकाली गई है –

            (a) बिस्त दोआब नहर (दायीं ओर)

            (b) भाखड़ा नहर (बायीं ओर)

- राजस्थान में भाखड़ा नहर से हनुमानगढ़ में सिंचाई होती है।

(2) इंदिरा गाँधी नहर परियोजना :-



● इंदिरा गाँधी नहर राजस्थान की एक प्रमुख नहर है। पहले इसका नाम ‘राजस्थान नहर’ था किंतु 2 नवम्बर, 1984 को इसका नाम इंदिरा गाँधी नहर परियोजना कर दिया गया।

● इंदिरा गाँधी नहर परियोजना से राजस्थान के शुष्क मरुस्थलीय क्षेत्र में सिंचाई हेतु जल के साथ ही पेयजल और औद्योगिक कार्यों के लिए भी पानी मिलने लगा। इस कारण इंदिरा गाँधी नहर को राजस्थान की जीवन रेखा या ‘मरु गंगा’ भी कहा जाता है।

● इंदिरा गाँधी नहर निर्माण के सूत्रपात के पीछे वर्ष 1927 में गंग नहर का निर्माण भी है किंतु इंदिरा गाँधी नहर योजना के प्रारंभिक विचारक इंजीनियर श्री कँवर सेन ने वर्ष 1948 में ‘बीकानेर राज्य को पानी की आवश्यकता’ हेतु एक रिपोर्ट प्रस्तुत की। इंदिरा गाँधी नहर परियोजना का मुख्यालय जयपुर में स्थित है।

● वर्ष 1952 में फिरोजपुर (पंजाब) में सतलज और व्यास नदी के संगम पर हरिके बैराज का निर्माण भारत सरकार द्वारा किया गया। तत्पश्चात् राजस्थान के मरुस्थलीय प्रदेश को पानी प्रदान करने हेतु इस नहर का पानी राजस्थान के बीकानेर व जैसलमेर तक पहुँचाने की योजना को योजना आयोग द्वारा स्वीकार करने पर 31 मार्च, 1958 को तत्कालीन केंद्रीय गृहमंत्री श्री गोविन्द वल्लभ पंत ने इस योजना का शिलान्यास किया।

● नहर का उद‌्घाटन 11 अक्टूबर, 1961 को तत्कालीन उप-राष्ट्रपति राधाकृष्णन ने किया था और राजस्थान नहर के नाम से नहर निकाली गई, जिसे वर्तमान में इंदिरा गाँधी नहर कहते हैं।

परियोजना का प्रारूप–

● इस परियोजना के अंतर्गत नहर के दो भाग हैं–

1. प्रथम भाग राजस्थान फीडर जिसकी लम्बाई 204 किलोमीटर है, जिसमें से 170 किलोमीटर पंजाब और हरियाणा में तथा 34 किलोमीटर राजस्थान में हैं। इस फीडर का निर्माण जलापूर्ति हेतु किया गया, जिसका विस्तार हरिके बैराज (फिरोजपुर, पंजाब) से लेकर मसीतावाली हैड (हनुमानगढ़) तक है। राजस्थान फीडर के तहत सूरतगढ़, अनूपगढ़ तथा पूगल शाखा का निर्माण हुआ।

2. द्वितीय भाग के अन्तर्गत मुख्य नहर ‘राजस्थान नहर’ है जिसकी लम्बाई 445 किलोमीटर है।

● यह ‘राजस्थान नहर’ मसीतावाली हैड (हनुमानगढ़) से राजस्थान में प्रवेश करती है, जिसका विस्तार जैसलमेर के मोहनगढ़ तक था, किंतु अब मुख्य नहर का विस्तार गडरा रोड (बाड़मेर) तक होने के कारण IGNP का जीरो प्वॉइंट गडरा रोड (बाड़मेर) है।

● राजस्थान फीडर और राजस्थान नहर दोनों को मिलाकर इस नहर की कुल लम्बाई 649 किलोमीटर है।

● इंदिरा गाँधी नहर से 7 लिप्ट नहरें तथा 9 शाखाएँ निकाली गई हैं।

● इंदिरा गाँधी नहर पर निर्मित 7 लिफ्ट नहरें निम्नलिखित हैं –

i. चौधरी कुंभाराम लिफ्ट नहर–

● हनुमानगढ़, चूरू, बीकानेर एवं झुंझुनूँ लाभान्वित जिले हैं और इन जिलों के गाँवों में जलापूर्ति हेतु जर्मनी के सहयोग से आपणी योजना बनाई गई है।

● पूर्व में इसका नाम ‘गंधेली साहेबा’ लिफ्ट नहर था।

ii. श्री कँवर सेन लिफ्ट नहर–

● यह सबसे लम्बी लिफ्ट नहर है तथा इसे बीकानेर की जीवन रेखा भी कहते हैं इससे लाभान्वित जिले – बीकानेर, श्रीगंगानगर आदि हैं तथा पूर्व में इसका नाम लूणकरणसर लिफ्ट नहर था।

iii. पन्नालाल बारूपाल लिफ्ट नहर-

● इससे लाभान्वित जिले बीकानेर तथा नागौर हैं तथा पूर्व में इसका नाम गजनेर लिफ्ट नहर था।

iv. वीर तेजाजी लिफ्ट नहर-

● यह सबसे छोटी लिफ्ट नहर है। लाभान्वित जिला बीकानेर तथा पूर्व में इसका नाम ‘बांगड़सर लिफ्ट नहर’ था।

v. डॉ. कर्ण सिंह लिफ्ट नहर–

● लाभान्वित जिले बीकानेर व जोधपुर हैं।

● पूर्व में इसका नाम ‘कोलायत लिफ्ट नहर’ था।

vi. गुरु जम्भेश्वर लिफ्ट नहर–

● लाभान्वित जिले – बीकानेर, जैसलमेर तथा जोधपुर हैं।

● पूर्व में इसका नाम – ‘फलोदी लिफ्ट नहर’ था।

vii. जयनारायण व्यास लिफ्ट नहर–

● लाभान्वित जिले – जैसलमेर तथा जोधपुर।

● पूर्व में इसका नाम – ‘पोकरण लिफ्ट नहर’ था।

● इस प्रकार इन लिफ्ट नहरों से लाभान्वित जिले 8 हैं, जिनमें सर्वाधिक लाभान्वित जिला बीकानेर है।

● कृषि योग्य कमाण्ड क्षेत्र वर्तमान में 16.17 लाख हैक्टेयर है।

● कुल कमाण्ड क्षेत्र (प्रस्तावित) – 19.63 लाख हैक्टेयर (लगभग 20 लाख हैक्टेयर)

नोट:- इन्दिरा गाँधी नहर का सर्वाधिक कमाण्ड क्षेत्र बीकानेर व जैसलमेर।

इंदिरा गाँधी नहर की 9 शाखाएँ हैं–



इंदिरा गाँधी नहर की उपशाखाएँ –

 



इंदिरा गाँधी नहर परियोजना के लाभ–

            i. सिंचित क्षेत्र में विस्तार

            ii. कृषि उत्पादन में वृद्धि

            iii. पेयजल एवं उद्योगों हेतु जल की सुलभता

            iv. पशुपालन तथा चारागाह विकास

            v. वृक्षारोपण द्वारा हरित ‌पटि्टका का विकास

            vi. मरुस्थल विस्तार पर रोक

            vii. अकाल पर रोक

            viii. जनसंख्या की बनावट

            ix. रोजगारों के अवसरों में वृद्धि

            x. परिवहन व पर्यटन का विकास

Note :-

● इंदिरा गाँधी नहर में स्कॉड़ा सिस्टम (अल्ट्रासोनिक/सेटेलाइट उपकरणों से पानी के प्रवाह का आकलन) स्थापित किया गया है।

● अत्यधिक जलप्लावन के कारण इंदिरा गाँधी नहरी क्षेत्र में सेम की समस्या उग्र रूप ले रही है जिसका उपचार पर्याप्त मात्रा में भूमि में जिप्सम का प्रयोग करना है।

● वर्ष1998 से इंदिरा गाँधी नहर परियोजना के द्वितीय चरण के अंतर्गत वनारोपण व चारागाह विकास कार्यक्रम जापान के आर्थिक सहयोग से चलाया जा रहा है।

● इंदिरा गाँधी नहर परियोजना क्षेत्र में वृक्षारोपण कार्यक्रम के लिए वन सेना का गठन किया गया है।

(3) चम्बल परियोजना :-

● यह भारत की एक बहुद्देशीय परियोजना है, जिसमें सिंचाई एवं विद्युत उत्पादन प्राथमिक उद्देश्य है।

● चम्बल परियोजना राजस्थान और मध्य प्रदेश की संयुक्त परियोजना है, जिसमें दोनों की 50 : 50 प्रतिशत की साझेदारी है।

● चम्बल परियोजना को वर्ष 1950 में केन्द्रीय जल शक्ति बोर्ड ने स्वीकृत किया, जिसके अन्तर्गत चम्बल नदी पर बाँधों का निर्माण कर इसके जल को सिंचाई और विद्युत उत्पादन में उपयोग करना था।

● चम्बल परियोजना के तहत तीन चरणों में चम्बल नदी पर चार बाँध बनाए गए तथा तीन विद्युत गृह जिनमें विद्युत उत्पादन का कुल लक्ष्य 386 MW रखा गया है, जिसमें 193+193 MW दोनों राज्यों की साझेदारी होगी।

(i) प्रथम चरण-

● चम्बल परियोजना के प्रथम चरण में दो बाँध, गाँधी सागर और कोटा बैराज का निर्माण किया गया।

● गाँधी सागर बाँध का निर्माण मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में स्थित चौरासीगढ़ दुर्ग से 8 किलोमीटर नीचे किया गया तथा विद्युत गृह भी स्थापित किया, जिसकी उत्पादन क्षमता (115 MW) है। इस बाँध का निर्माण वर्ष 1959 में पूर्ण हुआ।

● गाँधी सागर बाँध की लम्बाई 513 मीटर तथा ऊँचाई 62 मीटर है।

● कोटा बैराज का निर्माण चम्बल नदी पर वर्ष 1954 में राजस्थान में किया गया। इस बाँध के दोनों ओर नहरों का निर्माण किया गया है। इस बाँध से पेयजल तथा सिंचाई हेतु चम्बल नहर निकाली गई है। इस बाँध पर विद्युत गृह स्थापित नहीं है।

(ii) द्वितीय चरण-

● इस चरण में चित्तौड़गढ़ जिले के रावतभाटा स्थान पर राणा प्रताप सागर बाँध तथा विद्युत गृह का निर्माण किया गया, जिसकी विद्युत उत्पादन क्षमता (172 मेगावॉट) है।

(iii) तृतीय चरण-

● इस चरण में चम्बल नदी पर बोरावास (कोटा) में जवाहर सागर बाँध तथा विद्युत गृह का निर्माण किया गया, जिसकी विद्युत उत्पादन क्षमता (99 मेगावॉट) है।

नोट :-

● चम्बल नदी पर स्थित बाँधों का क्रम दक्षिण से उत्तर की ओर-

            (i) गाँधी सागर

            (ii) राणा प्रताप सागर 

            (iii) जवाहर सागर

            (iv) कोटा बैराज

● चम्बल नदी पर बना राजस्थान का प्रथम बाँध कोटा बैराज है।

(4) माही बजाज सागर परियोजना :-

● माही बजाज सागर परियोजना को वर्ष 1959-60 में आरंभ किया गया था।

● माही बजाज सागर परियोजना एक बहुद्देशीय परियोजना है, जिसका मुख्य उद्देश्य दक्षिणी राजस्थान के आदिवासी बहुल क्षेत्रों में माही नदी के जल का उपयोग पेयजल, सिंचाई व विद्युत उत्पादन करना है।

● माही परियोजना राजस्थान व गुजरात की संयुक्त परियोजना हैं, इस परियोजना में माही बजाज सागर बाँध पर 140 मेगावॉट उत्पादन क्षमता की विद्युत इकाई का निर्माण किया गया है।

● वर्तमान में इसकी सम्पूर्ण विद्युत उत्पादित क्षमता राजस्थान को मिलती है।

● इस योजना का नामकरण स्वतंत्रता सेनानी जमनालाल बजाज के नाम पर किया गया है।

● वर्तमान में इस परियोजना से 80 हजार हैक्टेयर से अधिक भूमि पर सिंचाई हो रही है।

● माही बजाज सागर बाँध का निर्माण माही नदी पर बाँसवाड़ा के बोरखेड़ा स्थान पर किया गया है।

● यह राजस्थान का सबसे लंबा बाँध (3109 मीटर) है, जिसे वर्ष 1992-93 में बनाया गया था।

● माही परियोजना के द्वितीय चरण में बाँसवाड़ा में कागदी पिकअप बाँध का निर्माण किया गया।

● गुजरात में माही नदी पर कडाना बाँध बनाया गया है।

(5) व्यास परियोजना :-

● सतलज, रावी तथा व्यास नदियों के जल का उपयोग करने हेतु यह व्यास नदी पर बनी पंजाब, हरियाणा तथा राजस्थान की संयुक्त परियोजना है।

● इस परियोजना के तहत व्यास नदी पर हिमाचल प्रदेश में दो बाँध बनाए गए हैं तथा दोनों बाँध पर विद्युत गृह भी स्थापित किए गए हैं।

(i) पंडोह बाँध/देहर बाँध– (हिमाचल प्रदेश)

● इस बाँध से व्यास, सतलज लिंक परियोजना हेतु लिंक नहर निकाली गई है तथा 990 मेगावॉट का विद्युत गृह स्थापित किया गया है, जिसका 20 प्रतिशत राजस्थान को मिलेगा।

(ii) पोंग बाँध- (हिमाचल प्रदेश)

● राजस्थान को रावी, व्यास नदियों के पानी में सर्वाधिक हिस्सा इसी बाँध से प्राप्त होता है तथा इस बाँध पर स्थापित 396 मेगावॉट के विद्युत गृह से उत्पादित विद्युत का 58.50 प्रतिशत हिस्सा राजस्थान को मिलता है।

● पोंग बाँध का मुख्य उद्देश्य शीत ऋतु में इंदिरा गाँधी नहर परियोजना में पानी की आवक बनाए रखना है।

राजस्थान की वृहत् श्रेणी सिंचाई परियोजनाएँ :-

● ऐसी सिंचाई परियोजनाएँ, जिनका कृषि योग्य कमाण्ड क्षेत्र 10 हजार हैक्टेयर से अधिक तथा जिनकी लागत 5 करोड़ से अधिक (पंचवर्षीय योजना, 1951) हो, वे वृहत् श्रेणी सिंचाई परियोजनाएँ कहलाती हैं। जैसे – गंगनहर परियोजना, नर्मदा नहर परियोजना, राजीव गाँधी सिद्धमुख नोहर परियोजना, जाखम परियोजना आदि।

1. गंगनहर परियोजना–

● यह राजस्थान/भारत की पहली नहर सिंचाई परियोजना है।

● बीकानेर के महाराजा गंगासिंह के प्रयासों से सतलज नदी का पानी राजस्थान में लाने हेतु बीकानेर तथा पंजाब राज्य के बीच सतलज नदी घाटी समझौता हुआ।

● गंगनहर का शिलान्यास महाराजा गंगासिंह ने वर्ष 1925 में किया था।

● गंगनहर का उद्घाटन लॉर्ड इरविन ने अक्टूबर, 1927 में किया था।  

● गंगनहर सतलज नदी से पंजाब के फिरोजपुर के हुसैनीवाला से निकाली गई है।

● गंगनहर पंजाब में बहती हुई शिवपुरी हैड (श्रीगंगानगर) के निकट (खक्का गाँव) से राजस्थान में प्रवेश करती है।

● पंजाब (फिरोजपुर) से लेकर शिवपुरी हैड (श्रीगंगानगर) तक इस नहर की लंबाई 137 किलोमीटर है व उपशाखाओं की कुल लम्बाई 1280 किमी. है।

● गंगनहर शिवपुर, गंगानगर, पदमपुर, रायसिंह नगर व सरूपसर होते हुए अंत में अनूपगढ़ तक जाती है।

● इस नहर से सर्वाधिक सिंचाई श्रीगंगानगर में होती है।

● लक्ष्मीनारायण, लालगढ़, करणी जी, समीजा गंग नहर की मुख्य शाखाएँ हैं।

● गंग नहर में रिसाव की समस्या के निराकरण हेतु गंगनहर लिंक चैनल (प्रारंभ निर्माण कार्य-1984) को हरियाणा के लौहगढ़ से निकाला है तथा श्रीगंगानगर के साधुवाली के निकट गंग नहर से जोड़ा गया है।

2. राजीव गाँधी सिद्धमुख नोहर परियोजना-

● रावी - व्यास समझौते के तहत इराडी कमीशन की सिफारिश पर यूरोपियन आर्थिक समुदाय के वित्तीय सहयोग से वर्ष 1989 को स्व. श्री राजीव गाँधी के द्वारा सिद्धमुख परियोजना का शिलान्यास किया गया।

● इस नहर का लोकार्पण 12 जुलाई, 2002 को श्रीमती सोनिया गाँधी के द्वारा किया गया।

● सिद्धमुख परियोजना को ही वर्तमान में राजीव गाँधी नहर परियोजना के नाम से जाना जाता है।

● सिद्धमुख परियोजना से लाभान्वित जिले हैं-

 हनुमानगढ़ (नोहर-भादरा तहसील) तथा चूरू (राजगढ़ तहसील)।

3. नर्मदा नहर परियोजना-

● नर्मदा नहर परियोजना गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र तथा मध्य प्रदेश की संयुक्त परियोजना है।

● गुजरात के सरदार सरोवर बाँध से निकाली गई है।

● राजस्थान में यह नहर जालोर जिले की सांचौर तहसील के सीलू गाँव से प्रवेश करती है।

● नर्मदा नहर की कुल लम्बाई 532 किमी. है, जिसमें 458 किमी. गुजरात में व 74 किमी. राजस्थान में हैं।

● इस नहर परियोजना में तीन लिफ्ट नहरों का निर्माण किया जा रहा है–

            i. सांचौर लिफ्ट नहर

            ii. भादरिया लिफ्ट नहर

            iii. पानरिया लिफ्ट नहर

● राजस्थान सरकार में सिंचाई का लक्ष्य संशोधित कर अब 2.86 लाख हैक्टेयर के कुल कमाण्ड क्षेत्र के 2.46 लाख हैक्टेयर के कृषि योग्य कमाण्ड क्षेत्र (1.26 लाख हैक्टेयर गुरुत्व प्रवाह एवं 1.20 लाख हैक्टेयर उद्वहन सिंचाई द्वारा) में सिंचाई होगी।

● इस नहर से लाभांवित जिले जालोर व बाड़मेर हैं।

● इस परियोजना के पूरे कमांड क्षेत्र में स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली अनिवार्य की गई है।

4. बीसलपुर परियोजना–

● इस परियोजना का निर्माण कार्य 1986-87 में प्रारंभ किया गया था, जो वर्ष 1999 में पूर्ण हुआ।

● बीसलपुर बाँध की लम्बाई 580 मीटर तथा ऊँचाई 21 मीटर है।

● राजस्थान के टोंक जिले के टोडारायसिंह कस्बे में बनास नदी पर बनाया गया बीसलपुर बाँध का कमांड क्षेत्र 81,800 हैक्टेयर है।

● बीसलपुर बाँध का निर्माण कंक्रीट से हुआ है यह राजस्थान का कंक्रीट से बना सबसे बड़ा बाँध है।

● बीसलपुर परियोजना से टोंक, अजमेर, किशनगढ़, नसीराबाद, केकड़ी, सरवाड़ को पेयजल आपूर्ति करना है, अब इस परियोजना से मार्च, 2009 से जयपुर को जलापूर्ति (पेयजल) की जा रही है।

● बीसलपुर परियोजना से लाभान्वित जिले टोंक, अजमेर व जयपुर हैं।

5. ईसरदा परियोजना-

● ईसरदा बाँध बनास नदी पर सवाई माधोपुर के ईसरदा गाँव में बना हुआ है। यह परियोजना बनास नदी के अतिरिक्त जल को जयपुर तथा टोंक के सीमावर्ती क्षेत्रों को पेयजल उपलब्ध करवाएगी।

6. भीखाभाई सागवाड़ परियोजना–

● इस नहर का नाम वागड़ के स्वतंत्रता सेनानी स्व. भीखाभाई के नाम पर है।

● यह परियोजना माही नदी पर डूँगरपुर जिले में हैं।

7. जाखम परियोजना-

● यह परियोजना राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले में जाखम नदी पर बनी (पूर्णत: राजस्थान) है। जाखम नदी पर जाखम बाँध बना है।

● इस बाँध की लम्बाई 253 मीटर व ऊँचाई 81 मीटर है।

● जाखम परियोजना से चित्तौड़गढ़, उदयपुर व प्रतापगढ़ को सिंचाई सुविधा के लिए बनाया गया है।

8. गुरुग्राम नहर परियोजना-

● यह नहर हरियाणा तथा राजस्थान की संयुक्त नहर है।

● गुरुग्राम नहर परियोजना का नाम यमुना लिंक नहर परियोजना कर दिया गया है।

● इस नहर परियोजना से लाभांवित भरतपुर की कामां तथा डीग तहसीलें होगी।

9. परवन वृहद बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजना

● यह परियोजना परवन नदी पर अकावद कला, खानपुर (झाालावाड़) में प्रगतिरत हैं।

● इसका कार्य पूरा होने पर कोटा, बाराँ व झालावाड़ जिलों के निवासियों को सिंचाई, पेयजल, विद्युत एवं वन्यजीवों की आवश्यकताओं के लिए पानी उपलब्ध करवाया जाएगा।

● इस परियोजना में सम्पूर्ण सिंचित क्षेत्र को स्काडा नियंत्रित प्रेशराइज्ड पाइप द्वारा फव्वारा सिंचाई पद्धति के माध्यम से सिंचित किया जाना प्रस्तावित है।

10. धौलपुर लिफ्ट सिंचाई एवं पेयजल परियोजना

● यह परियोजना चम्बल नदी पर सागरवाड़ा (धौलपुर) में प्रगतिरत हैं।

11. पूर्वी राजस्थान नहर

● इस परियोजना के तहत् राज्य के 13 जिलों (झालावाड़, कोटा, बाराँ, बूँदी, सवाई माधोपुर, अजमेर, टोंक, जयपुर, दौसा, करौली, अलवर, भरतपुर, धौलपुर) में वर्ष 2051 तक पेयजल की उपलब्धता को सुनिश्चित करना।

● इस परियेाजना में चम्बल नदी में उपलब्ध अधिशेष जल को बनास, मोरेल, बाणगंगा, पार्वती, कालीसिल, गंभीर नदी बेसिनों में जल अपवर्तन किया जाना प्रस्तावित हैं।

राजस्थान की मध्यम श्रेणी सिंचाई परियोजनाएँ–

● ऐसी सिंचाई परियोजनाएँ जिनका कमांड क्षेत्र 2000 हैक्टेयर से 10,000 हैक्टेयर के मध्य हो और लागत 18 लाख रुपये से 5 करोड़ रुपये तक हो।

● राजस्थान की मध्यम सिंचाई परियोजनाओं को निम्नलिखित प्रकार के तंत्र के रूप में समझ सकते हैं –

1. आंतरिक प्रवाह तंत्र–      

(i) मोती झील बाँध-

● भरतपुर में स्थित मोती झील को भरतपुर की जीवन रेखा कहते हैं।

● मोती झील बाँध रूपारेल नदी पर बना है, जिसका पानी सिंचाई में उपयोग में आता है।

2. लूनी नदी तंत्र–

(i) बांकली बाँध- यह बाँध सूकड़ी नदी पर जालोर में स्थित है।

(ii) हेमावास बाँध- पाली जिले में बांडी नदी पर स्थित बाँध।

3. पश्चिमी बनास नदी तंत्र–

(i) पश्चिमी बनास परियोजना- सिरोही जिले में पश्चिमी बनास नदी पर स्थित सिंचाई परियोजना है।

4. साबरमती नदी तंत्र–

(i) सेई परियोजना–

● उदयपुर की कोटड़ा तहसील में सेई बाँध द्वारा जवाई बाँध में पानी की आवक बढ़ाने हेतु सेई परियोजना बनाई गई है।

(ii) मानसी वाकल परियोजना–

● मानसी वाकल परियोजना राजस्थान सरकार व हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड की संयुक्त परियोजना है।

5. माही नदी तंत्र–

(i) सोम कागदर परियोजना- (उदयपुर) – सोम नदी

(ii) सोम-कमला-अम्बा – (डूँगरपुर) – सोम नदी।

6. बाण गंगा नदी क्षेत्र–

(i) अजान बाँध–

● भरतपुर में बाणगंगा व गंभीर नदी पर बना है।  

● इससे केवलादेव घना पक्षी विहार को जलापूर्ति होती है।

7. बनास नदी तंत्र–

(i) नंदसमंद परियोजना- (राजसमंद) – बनास नदी

(ii) मेजा बाँध- (भीलवाड़ा) – कोठारी नदी

(iii) नारायण सागर बाँध- (अजमेर) – खारी नदी

(iv) अड़वान बाँध- (भीलवाड़ा) – मानसी नदी

(v) मोरेल बाँध- (सवाई माधोपुर) – मोरेल नदी

8. चम्बल नदी तंत्र–

(i) हरिश्चन्द्र सागर परियोजना- (झालावाड़) – कालीसिंध नदी।

(ii) गागरोण परियोजना- (झालावाड़) – कालीसिंध व आहू नदी।

(iii) भीमसागर परियोजना- (झालावाड़) – उजाड नदी।

(iv) गरदड़ा परियोजना- (बूँदी) – मांगली डूँगरी / गणेशी नदी।

(v) तकली परियोजना- (कोटा) – तकली नदी।

(vi) हाथियादेह परियोजना (बाराँ) – कूल नदी।

(vii) पिपलाद – (झालावाड़) - पिपलाद नदी।

(viii) ल्हासी परियोजना- (बाराँ) – ल्हासी नदी।

(ix) बैथली परियोजना- (बाराँ) – बैथली नदी।

(x) बिलास परियोजना- (बाराँ) – बिलास नदी।

(xi) ओरई परियोजना- (चित्तौड़गढ़) – ओरई नदी।

(xii) राजगढ़ परियोजना (झालावाड़) – कण्ठाली एवं आहू नदी।

राजस्थान की लघु श्रेणी सिंचाई परियोजनाएँ-

● ऐसी सिंचाई परियोजनाएँ, जिनका कमांड क्षेत्र 2,000 हैक्टेयर तक हो तथा लागत 10 लाख रुपये से कम हो।

1. आकोली बाँध – जालोर                     

2. बांदी सेंदड़ा – जालोर                        

3. बावरिया बाँध – अलवर                     

4. समर सरोवर – अलवर                      

5. खोह बाँध – करौली                           

6. रेवा बाँध – झालावाड़                        

7. भिमती बाँध – झालावाड़                   

8. हड़मतिया बाँध – सिरोही                   

9. बत्तीसा नाला – सिरोही                      

10. वासा बाँध- सिरोही                          

11. संतूर माताजी – बूँदी

12. भंवर सेमला – प्रतापगढ़

13. सरदार समंद – पाली

14. धारिया बाँध – पाली

15. जसवंत सागर बाँध – जोधपुर

16. चाकण परियोजना – बूँदी

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Tuesday, 21 January 2025

IndiaEnotes

◾ राजस्थान मानवाधिकार आयोग✍️ 

🔹 गठन - 18 जनवरी,1999।
🔹 क्रियाशील - मार्च,2000 से जयपुर में।
🔹 स्वतंत्र व सांविधिक आयोग।
🔹 संरचना - 1 अध्यक्ष + 2 सदस्य।
🔹 कार्यकाल - 3 / 70 वर्ष की उम्र।
🔹 नियुक्ति - राज्यपाल (धारा-22 की उपाधारा (1) के अनुसार)।
🔹 त्यागपत्र - राज्यपाल को।
🔹 पदमुक्त - राष्ट्रपति (धारा-23 की उपधारा (2) के अनुसार)
🔹 नियुक्ति संबंधी समिति के सदस्य:-
        1. मुख्यमंत्री (अध्यक्ष)
        2. विधानसभा अध्यक्ष
        3. विधानसभा विपक्ष नेता
        4. राज्य गृहमंत्री

🔹 एक वर्ष से अधिक पुराने मामलों की जाँच नहीं।
🔹 आयोग अपना वार्षिक प्रतिवेदन - राज्य सरकार को प्रस्तुत।
🔹 प्रथम अध्यक्ष - कांता भटनागर (न्यूनतम कार्यकाल)
🔹 वर्तमान अध्यक्ष - गंगाराम मूलचंदानी।

◾ अध्यक्ष तालिका :-
     1. कांता भटनागर
     2. सैयद सगीर अहमद (सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश)
     3. एन.के. जैन 
     4. प्रकाश टांटिया 
     5. गोपाल कृष्ण व्यास (प्रथम सेवानिवृत न्यायाधीश)
     6. गंगाराम मूलचंदानी

◾ कार्यवाहक अध्यक्ष :-
     1.अमर सिंह गोदारा।
     2. जगत सिंह।
     3. पुखराज सीरवी।
     4. एच.आर. कुड़ी।
     5. महेंद्र चंद्र शर्मा।

◾ वर्तमान अध्यक्ष तथा सदस्य :-
      • अध्यक्ष - गंगाराम मूलचंदानी।
      • सदस्य - अशोक गुप्ता व रामचंद्र सिंह झाला।

🔹 सर्वाधिक कार्यकाल वाले अध्यक्ष - एन.के. जैन।
🔹 न्यूनतम कार्यकाल वाले अध्यक्ष - कांता भटनागर।
🔹 सर्वाधिक कार्यकाल वाले सदस्य - नमोनारायण मीणा।
🔹 न्यूनतम कार्यकाल वाले सदस्य - पुखराज सीरवी।
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● राजस्थान में महाराष्ट्र एवं मध्य प्रदेश के पश्चात् सर्वाधिक दुर्गों का निर्माण हुआ है।

● राजस्थान में दुर्गों की स्थापना के विकास का प्रथम आधार कालीबंगा की खुदाई में मिलता है।

● दुर्गों की विशेषताएँ–

1. सुदृढ़ प्राचीरें

2. अभेद्य बुर्जें

3. विशाल परकोटे

4. दुर्ग के चारों ओर गहरी खाई

5. दुर्ग के भीतर जलाशय

6. शस्त्रागार

7. मंदिर निर्माण

8. अन्न भण्डार की स्थापना

9. सुरंग प्रणाली

10. गुप्त प्रवेश द्वार

● कौटिल्य के अनुसार दुर्ग की श्रेणियाँ - 04

1. औदुक दुर्ग

2. पर्वत दुर्ग

3. धान्वन दुर्ग

4. वन दुर्ग

● कौटिल्य के अनुसार राज्य के अंग - 07

1. राजा

2. अमात्य (मंत्री)

3. जनपद

4. दुर्ग

5. कोष

6. सेना

7. मित्र

● राज्य को मानव शरीर का अंग मानते हुए कौटिल्य के अनुसार दुर्ग को शरीर के प्रमुख अंग ‘हाथ’ की संज्ञा दी है।

● शुक्र नीति के अनुसार दुर्गों के प्रकार - 09

(1) एरण दुर्ग - वह दुर्ग, जिसके मार्ग में खाई, काँटो व पत्थरों से युक्त दुर्गम मार्ग हों। उदाहरण - जालोर दुर्ग

(2) औदुक दुर्ग - इसे जल दुर्ग भी कहा जाता है। ऐसा दुर्ग जो विशाल जल राशि से घिरा हुआ हो। उदाहरण - गागरोन दुर्ग।

(3) पारिख दुर्ग - वह दुर्ग, जिसके चारों तरफ बहुत बड़ी खाई हो।

उदाहरण - जूनागढ़ दुर्ग (बीकानेर)।

(4) पारिध दुर्ग - ऐसा दुर्ग जिसके चारों तरफ ईंट, पत्थर तथा मिट्टी से बनी बड़ी-बड़ी दीवारों का विशाल परकोटा हो।

उदाहरण - चित्तौड़ दुर्ग, जैसलमेर दुर्ग।

(5) गिरि दुर्ग - किसी उच्च गिरि या पर्वत पर अवस्थित दुर्ग।

उदाहरण - चित्तौड़ दुर्ग, मेहरानगढ़ दुर्ग (जोधपुर) आदि।

(6) धान्वन दुर्ग - मरुभूमि (मरुस्थल) में बना दुर्ग।

उदाहरण - जैसलमेर का दुर्ग।

(7) वन दुर्ग - सघन बीहड़ वनों में निर्मित दुर्ग।

उदाहरण - सिवाणा दुर्ग।

(8) सैन्य दुर्ग - खंडों या ईंटों से समतल भूमि पर निर्मित दुर्ग, जहाँ युद्ध की व्यूह रचना में चतुर सैनिक निवास करते हों। इस श्रेणी में लगभग सभी दुर्ग आते हैं। शुक्र नीति के अनुसार सैन्य दुर्ग को सर्वश्रेष्ठ बताया गया है।

(9) सहाय दुर्ग (लिविंग फोर्ट) - वह दुर्ग, जिसमें शूरवीर तथा सदा अनुकूल रहने वाले बांधव लोग रहते हो।

उदाहरण - जैसलमेर दुर्ग, चित्तौड़ दुर्ग

● भटनेर दुर्ग (हनुमानगढ़) तथा भरतपुर का लोहागढ़ दुर्ग मिट्‌टी से बने दुर्ग हैं।

● राजस्थान के 6 दुर्ग यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल -

1. आमेर दुर्ग

2. गागरोन दुर्ग

3. कुम्भलगढ़ दुर्ग

4. जैसलमेर दुर्ग

5. रणथम्भौर दुर्ग

6. चित्तौड़गढ़ दुर्ग

● ये दुर्ग जून, 2013 में नोमपेन्ह (कम्बोडिया) में हुई वर्ल्ड हेरिटेज कमेटी की बैठक में यूनेस्को साइट की सूची में शामिल किए गए।

राजस्थान के प्रमुख दुर्ग

चित्तौड़गढ़ दुर्ग

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● प्रकार - धान्वन श्रेणी के दुर्ग को छोड़कर सभी श्रेणी का दुर्ग

● निर्माता - चित्रांगद मौर्य (मौर्य राजा) (प्रसिद्ध ग्रंथ ‘वीर विनोद’ के अनुसार)

● स्थित - मेसा पठार, गंभीरी और बेड़च नदियों के संगम, चित्तौड़गढ़

● आकार - व्हेल मछली के समान।

● उपनाम - राजस्थान का गौरव, गढ़ों का सिरमौर, चित्रकूट।

● इस दुर्ग की परिधि लगभग 13 किलोमीटर हैं।

● कहावत - गढ़ तो गढ़ चित्तौड़गढ़, बाकी सब गढ़ैया।

● मेवाड़ के गुहिलवंशीय शासक बप्पा रावल ने मौर्य शासक मानमोरी को परास्त कर 734 ई. में इस दुर्ग पर अधिकार कर लिया।

● राजस्थान के दुर्गों में क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा, राज्य का सबसे बड़ा लिविंग फोर्ट तथा एकमात्र दुर्ग जिसमें कृषि की जाती है।

● यह दिल्ली-मालवा मार्ग पर अवस्थित है।

स्थापत्य :-

● अदबद्जी का मंदिर, रानी पद्मिनी का महल, गोरा-बादल महल, कालिका माता मंदिर, सूरज कुण्ड, समिद्धेश्वर मंदिर, जयमल-फत्ता (पत्ता) की छतरियाँ, तुलजा माता मंदिर, कुम्भश्याम मंदिर, सतबीस देवरी (जैन मंदिर), शृंगार चँवरी प्रासाद, लाखोटा की बारी, कल्ला राठौड़ की छतरी, रैदास की छतरी, रावत बाघसिंह का स्मारक एवं नवलखा भण्डार।

● सात प्रवेश द्वार - पाडन पोल (मुख्य व पहला प्रवेश द्वार), भैरव पोल, हनुमान पोल, गणेश पोल, जोड़ला पोल, लक्ष्मण पोल, रामपोल।

● जलापूर्ति के स्रोत - रत्नेश्वर तालाब, कुम्भसागर, गोमुख झरना, हाथीकुण्ड, झालीबाव तालाब।

विजय स्तम्भ :-

● उपनाम - विष्णु स्तंभ, भारतीय मूर्तिकला का विश्वकोष

● निर्माण - महाराणा कुंभा द्वारा।

● प्रेरणा - बयाना के विष्णु स्तंभ से

● वास्तुकार - जैता, नापा, पोमा एवं पूंजा, भूमि, बलराज

● कीर्ति स्तंभ प्रशस्ति की रचना - कवि अत्रि तथा बाद में महेश भट्ट

● जीर्णोद्धार - महाराणा स्वरूप सिंह

● 1437 ई. में ‘सारंगपुर युद्ध’ में महमूद खिलजी प्रथम को पराजित करने के उपलक्ष्य में विजयस्तम्भ का निर्माण 1440 ई. से 1448 ई. में करवाया गया था।

● यह 9 मंजिला इमारत है जो 30 फीट चौड़ी और 122 फीट ऊँची है। इसमें कुल 157 सीढ़ियाँ हैं।

● इसकी तीसरी मंजिल पर 9 बार अल्लाह शब्द लिखा है।

● इसके चारों ओर भगवान विष्णु के विभिन्न अवतारों की मूर्तियाँ बनी है।

सी. वी. वैद्य ने कहा - विष्णु स्तंभ

उपेंद्र नाथ डे ने कहा - विष्णु ध्वज

गोपीनाथ शर्मा ने कहा - लोक जीवन का रंगमंच

आर.पी. व्यास ने कहा - हिंदू प्रतिमा शास्त्र की अनुपम निधि

फर्ग्यूसन ने कहा - टार्जन टावर (इंग्लैंड)

जैन कीर्ति स्तम्भ :-

● 7 मंजिला

● निर्माणकर्ता - बघेरवाला जैन जीजा

● समय - 10वीं – 13वीं सदी

● समर्पित - भगवान आदिनाथ

तीन साके :-

(1) पहला साका –

● वर्ष - 1303 ई.

● आक्रमण - अलाउद्दीन खिलजी

● शासक - राणा रतनसिंह

● जौहर - पद्मिनी

● केसरिया – राणा रतनसिंह, गोरा-बादल का सम्बन्ध चित्तौड़गढ़ के पहले साके से है।

● नाम परिवर्तन - खिज्राबाद

(2) दूसरा साका –

● वर्ष - 1535 ई.

● आक्रमण - बहादुरशाह (गुजरात सुल्तान)

● शासक - विक्रमादित्य

● जौहर - कर्मावती

● केसरिया - देवलिया के रावत बाघसिंह

● बहादुरशाह ने अपने सेनापति रुमीखाँ को इस अभियान का नेतृत्व सौंपा था।

● इस युद्ध में रानी कर्मावती ने मुगल शासक हुमायूँ को राखी भेजकर मदद माँगी थी।

(3) तीसरा साका –

● वर्ष - 1568 ई.

● आक्रमण - अकबर

● शासक - राणा उदयसिंह

● केसरिया - जयमल राठौड़ व फत्ता सिसोदिया

नोट : नवलखा बुर्ज (बनवीर द्वारा निर्मित लघु दुर्ग) इसी किले में निर्मित है।

कुम्भलगढ़ दुर्ग

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● स्थित - मेवाड़ – मारवाड़ सीमा पर (राजसमन्द)

● श्रेणी - गिरि दुर्ग

● निर्माण - महाराणा कुम्भा ने मौर्य शासक सम्प्रति द्वारा निर्मित एक प्राचीन दुर्ग के ध्वंसावशेषों पर शिल्पी मंडन की देखरेख में करवाया था।

● शिल्पी - मंडन

● निर्माण काल - 1448-1458 ई.

● उपनाम - मेवाड़ की तीसरी आँख, कुम्भलमेर, मेवाड़ की संकटकालीन राजधानी, मत्स्येन्द्र, एट्रूस्कन, कुंभलमेरु, कमलमीर आदि।

● प्रवेश द्वार - ओरठ पोल, हल्ला पोल, हनुमान पोल, विजय पोल, भैरव पोल, चौगान पोल, पागड़ा पोल और गणेश पोल। (9 द्वार)

● यह अरावली पर्वत की 13 ऊँची चोटियों से घिरा दुर्ग है।

● कुम्भलगढ़ दुर्ग 36 किमी. लम्बे परकोटे से सुरक्षित है।

● कुम्भलगढ़ दुर्ग की सुरक्षा दीवार इतनी चौड़ी है कि एक साथ आठ घुड़सवार चल सकते हैं।

● कर्नल टॉड ने कुम्भलगढ़ की तुलना सुदृढ़ प्राचीरों, बुर्जों व कंगूरों के विचारों से ‘एट्रूस्कन वास्तु’ से की है।

● इस दुर्ग में ही महाराणा उदय सिंह का राज्याभिषेक हुआ था।

● कुम्भलगढ़ दुर्ग से ही महाराणा प्रताप ने हल्दीघाटी युद्ध की तैयारी की थी।

स्थापत्य :-

● झालीबाव (बावड़ी), कुम्भस्वामी (विष्णु), नीलकण्ठ महादेव मंदिर, विष्णु मंदिर, मामादेव (महादेव) का कुंड, झाली रानी का मालिया, उड़ना राजकुमार (पृथ्वीराज राठौड़) की छतरी (12 खम्भों की छतरी) आदि।

● कटारगढ़ –

- इस दुर्ग में स्थित लघु दुर्ग जो महाराणा कुम्भा का निवास स्थान है।

- इसमें महाराणा प्रताप का जन्म हुआ तथा राणा कुम्भा के पुत्र ऊदा ने कुम्भा की हत्या की थी।

- कटारगढ़ में ही झाली रानी का मालिया महल बना हुआ है। इसे ‘बादल महल’ भी कहा जाता है।

- कटारगढ़ की ऊँचाई के बारे में अबुल फजल ने लिखा है कि “यह इतनी बुलन्दी पर बना हुआ है कि नीचे से ऊपर की ओर देखने पर सिर से पगड़ी गिर जाती है।“

मेहरानगढ़ दुर्ग



● निर्माता - राव जोधा

● समय - 1459 ई. में

● नींव - करणी माता द्वारा

● चिड़ियाटूँक पहाड़ी पर निर्मित गिरि दुर्ग।

● आकृति - मोर (मयूर) के समान।

● अन्य नाम - मयूरध्वज, गढ़चिन्तामणि (कुण्डली के अनुसार नामकरण)।

● इस दुर्ग की नींव में राजिया (राजाराम) मेघवाल को जीवित चुना गया।

● रूडयार्ड किपलिंग ने कहा कि ‘यह दुर्ग देवताओं, परियों एवं फरिश्तों द्वारा निर्मित हैं।

● प्रवेश द्वार -

(i) जयपोल – उत्तर-पूर्व में। मानसिंह द्वारा 1808 ई. में निर्मित।

(ii) फतेहपोल – दक्षिण-पश्चिम में। अजीतसिंह द्वारा 1707 ई. में निर्मित।

प्रमुख स्थापत्य :-

(1) मामा-भान्जा या धन्ना भींवा की छतरी - यह 10 खम्भों की छतरी लोहा पोल के पास स्थित है।

(2) पुस्तक प्रकाश पुस्तकालय

- स्थापित - महाराजा मानसिंह

(3) चामुण्डा माता मंदिर - इस मंदिर का निर्माण राव जोधा ने दुर्ग निर्माण के समय करवाया था, जिसका जीर्णोद्धार महाराजा तख्तसिंह ने 1857 ई. में करवाया। वर्ष 2008 में चामुण्डा मंदिर में भगदड़ मच जाने से कई लोग मारे गए। इसकी जाँच हेतु जसराज चोपड़ा कमेटी का गठन किया गया।

(4) नागणेची माता का मंदिर - यह राठौड़ वंश की कुलदेवी है।

(5) शृंगार चौकी – यहाँ पर राठौड़ वंश के राजाओं का राजतिलक किया जाता है।

(6) मोती महल – महाराजा सूरसिंह द्वारा निर्मित

(7) फूल महल – महाराजा अभयसिंह द्वारा निर्मित

(8) रानीसर तालाब – राव जोधा की हाड़ी रानी जसमादे ने निर्माण करवाया।

(9) पदमसर – इसका निर्माण राव गांगा (1515 ई. – 1531 ई.) की रानी पद्मावती ने करवाया, जो मेवाड़ के राणा सांगा की पुत्री थी।

● अन्य स्थापत्य- मुरली मनोहर तथा आनंदघनजी के प्राचीन मंदिर, भूरे खाँ की मजार, वीर कीरतसिंह सोढ़ा की छतरी, तख्तविलास, अजीत विलास, उम्मेद विलास आदि का भीतरी वैभव दर्शनीय है।

किले में तोपें :-

(1) किलकिला तोप - राजा अजीत सिंह द्वारा अहमदाबाद में बनवाई गई।

(2) शम्भूबाण तोप - राजा अभय सिंह ने सर बुलन्दखाँ से छीनी।

(3) गजनी खाँ तोप - 1607 ई. में गजसिंह ने जालोर विजय पर हासिल की।

(4) अन्य तोपें - कड़क, गजक, जमजमा, बिजली, बिच्छूबाण, नुसरत, गुब्बार, नागपली, मागवा, मीरक आदि।

सोनार किला

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● स्थित - त्रिकूट पहाड़ी पर, जैसलमेर में

● निर्माण – रावल जैसल द्वारा 1155 ई. में

● श्रेणी - धान्वन दुर्ग

● पूर्ण निर्माण - शालिवाहन द्वितीय

● उपनाम - सोनगढ़, गौहरारगढ़, त्रिकूटगढ़

● दूर से देखने पर यह किला पहाड़ी पर लंगर डाले एक जहाज का आभास कराता है।

● प्रचलित कहावत – ‘घोड़ा कीजे काठ का पग कीजे पाषाण, बख्तर कीजे लोहे का तब पहुँचे जैसाण’।

● इस दुर्ग के सम्बन्ध में अबुल फजल की उक्ति –

‘यह ऐसा दुर्ग है, जहाँ पहुँचने के लिए पत्थर की टाँगें चाहिए।’

● सोनारगढ़ दुर्ग का निर्माण चूने का प्रयोग किए बिना पत्थरों को जोड़कर किया गया है।

स्थापत्य :-

● प्रवेश द्वार - अक्षय पोल (मुख्य प्रवेश द्वार), गणेश पोल, सूरज पोल, हवा पोल।

● शीश महल - दुर्ग में महारावल अखैसिंह द्वारा निर्मित सर्वोत्तम विलास।

● दुर्ग के भीतर जैसल कुआँ प्राचीन पेयजल स्रोत है।

● इस दुर्ग में 99 बुर्जें हैं।

● सर्वाधिक बुर्जों वाला दुर्ग है।

● गहरे पीले पत्थरों से निर्मित है।

● जैसलमेर दुर्ग विश्व का एकमात्र दुर्ग है, जिसकी छत लकड़ी की बनी हुई है।

● राज्य का दूसरा सबसे बड़ा लिविंग फोर्ट। (पहला – चित्तौड़ दुर्ग)

● कमरकोट - दुर्ग का घाघरानुमा दोहरा परकोटा। इसे स्थानीय लोग ‘पाड़ा’ भी कहते हैं।

● इस दुर्ग में हस्तलिखित ग्रंथों का सबसे बड़ा भंडार ‘जिनभद्र सूरी ग्रंथ भंडार’ अवस्थित है।

● इस दुर्ग के भीतर ही घड़सीसर तालाब है।

‘ढाई साके’ के लिए प्रसिद्ध :-

(1) पहला साका - 1308 से 1312-13

● आक्रमण - अलाउद्दीन खिलजी

● शासक - मूलराज

(2) दूसरा साका

● आक्रमण - फिरोज तुगलक

● शासक - राव दूदा

(3) तीसरा अर्द्ध साका - 1550

● आक्रमण - कंधार के अमीर अली

● शासक - राव लूणकरण

● इस समय केसरिया हुआ लेकिन जौहर नहीं हुआ था।

प्रमुख तथ्य :-

● आदिनाथ जैन मंदिर - इस दुर्ग में स्थित सबसे प्राचीन जैन मंदिर।

● फिल्म निर्देशक सत्यजीत रे द्वारा ‘सोनार किला’ फिल्म का निर्माण किया गया।

● वर्ष 2009 में इस दुर्ग पर 5 रुपये का डाक टिकट जारी किया गया।

● वर्ष 2009 में आए भूकम्प से इसमें दरारें पड़ गई हैं।

जूनागढ़ दुर्ग

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● श्रेणी - धान्वन दुर्ग, भूमि दुर्ग एवं पारिख दुर्ग

● निर्माण - महाराजा रायसिंह

● निर्माण समय – 1589 ई. से 1594 ई. तक

● आकृति - चतुष्कोण या चतुर्भुजाकृति।

● उपनाम - जमीन का जेवर, लालगढ़ दुर्ग, रातीघाटी का किला।

● अनूप महल – बीकानेर के राठौड़ शासकों का राजतिलक

● लाल पत्थरों से निर्मित होने के कारण ‘लालगढ़’ भी कहा जाता है।

● प्रवेश द्वार –

- बाहरी - कर्णपोल एवं चाँदपोल

- भीतरी - दौलत पोल, फतेह पोल, रतन पोल, सूरज पोल एवं ध्रुव पोल।

- सूरज पोल पर जैता द्वारा राजा रायसिंह प्रशस्ति उत्कीर्ण की गई।

- सूरज पोल के दोनों तरफ जयमल राठौड़ तथा फत्ता सिसोदिया की गजारूढ़ मूर्तियाँ स्थापित की गई थी।

● इस दुर्ग की प्राचीर बहुत सुदृढ़ है तथा उनमें 37 बुर्जें बनी हुई हैं।

● राजपूत एवं मुगल स्थापत्य शैली का समन्वय है।

● यह दुर्ग वास्तव में आगरा के दुर्ग से मिलता-जुलता है।

● दर्शनीय स्थल – गज मंदिर, हर मंदिर, अनूप संग्रहालय, फूल महल, चन्द्र महल, लाल निवास, छत्र महल, गंगा निवास, दलेल निवास, रतन निवास आदि।

● दो कुएँ - रामसर एवं रानीसर

● 33 करोड़ देवी-देवताओं का मंदिर – इस मंदिर में हेरंब गणपति (सिंह पर सवार गणपति) की प्रतिमा है।

● राजस्थान में पहली बार लिफ्ट इसी दुर्ग में लगाई थी।

● जूनागढ़ दुर्ग के सम्बन्ध में दीनानाथ दुबे की उक्ति –

‘दीवारों के भी कान होते हैं पर जूनागढ़ के महलों की दीवारें तो बोलती हैं।’

नागौर दुर्ग

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● श्रेणी - धान्वन दुर्ग व स्थल दुर्ग

● निर्माण - वि. सं. 1211 में कैमास (चौहान शासक सोमेश्वर का सामन्त)

● उपनाम - अहिच्छत्रपुर दुर्ग, नागदुर्ग

● 1570 ई. में अकबर अजमेर में ख्वाजा साहब की जियारत करने के बाद नागौर आया तथा यहाँ पर लगभग दो महीने रहा। उसने यहाँ एक तालाब खुदवाया, जिसका नाम शुक्र तालाब था।

● नागौर का दुर्ग वीर शिरोमणि अमरसिंह राठौड़ के शौर्य एवं स्वाभिमान के लिए प्रसिद्ध है।

● अकबर ने इस दुर्ग को बीकानेर शासक रायसिंह को सौंपा।

● नागौर के दुर्ग की मुख्य विशेषता यह है कि इसके बाहर से चलाए गए तोपों के गोले किले के महलों को क्षति पहुँचाए बिना ही ऊपर से निकल जाते हैं।

● स्थापत्य – वीर अमरसिंह राठौड़ की छतरी, ज्ञानी तालाब, वंशीवाला का मंदिर, वरमाया का मंदिर, अन्न गोदाम, दोहरा परकोटा

सिवाणा दुर्ग

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● श्रेणी - गिरि दुर्ग, सहाय दुर्ग, कूमट दुर्ग

● निर्माण - परमार शासक वीर नारायण पंवार

● समय - 954 ई. में (10वीं सदी)

● स्थान - हल्देश्वर पहाड़ी, सिवाणा कस्बा, बाड़मेर

● अन्य नाम - कुम्थाना, कूमट (कूमट झाड़ियों के कारण)

दो साके :-

(1) प्रथम साका –

● समय – 1308 ई.

● आक्रमण - अलाउद्दीन खिलजी

● शासक - सातलदेव सोनगरा

● नाम परिवर्तन - खैराबाद

(2) द्वितीय साका –

● आक्रमण – अकबर ने मोटा राजा उदयसिंह के नेतृत्व में

● शासक – कल्ला रायमलोत

● केसरिया - वीर कल्ला

● जौहर - हाड़ी रानी

प्रमुख तथ्य :-

● राव मालदेव ने गिरी सुमेल युद्ध (1544 ई.) के बाद शेरशाह की सेना द्वारा पीछा किए जाने पर सिवाणा दुर्ग में आश्रय लिया था।

● जोधपुर शासकों की संकटकाल में शरणस्थली के रूप में प्रसिद्ध दुर्ग।

● ‘शेर-ए-राजस्थान’ नाम से विख्यात जयनारायण व्यास को राज्य के सिवाणा दुर्ग में बंदी बनाकर रखा गया।

● तालाब - भांडेलाव

रणथम्भौर दुर्ग

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● स्थित - सवाईमाधोपुर

● श्रेणी - गिरि व वन दुर्ग

● निर्माण - 8वीं शताब्दी में चौहान शासकों द्वारा। (रणथम्मनदेव चौहान)

● यह दुर्ग विषम आकार वाली सात पहाड़ियों से घिरा हुआ है।

● अबुल फजल ने कहा – ‘अन्य सब दुर्ग नंगे हैं जबकि यह दुर्ग बख्तरबंद है।’

● वास्तविक नाम - रन्त:पुर अर्थात् रण की घाटी

● यह दुर्ग शिव पिंड पर रखे बिल्वपत्र की भाँति पहाड़ी शृंखला में खोया हुआ है।

स्थापत्य :-

● त्रिनेत्र गणेश जी का मंदिर, पीर सदरुद्दीन की दरगाह, सुपारी महल, जौरां-भौरां (अन्न भंडार), जोगी महल, बादल महल, हम्मीर महल, हम्मीर की कचहरी, नौलखा दरवाजा, रनिहाड़ा तालाब, पद्‌मला तालाब, 32 खम्भों की छतरी

● सुपारी महल (रणथम्भौर) में एक ही स्थान पर मन्दिर, मस्जिद और गिरजाघर स्थित है।

● प्रवेश द्वार - नौलखा दरवाजा, हाथी पोल, गणेश पोल, सूरज पोल, त्रिपोलिया।

राजस्थान का पहला प्रमाणित साका :-

● वर्ष – 1301

● शासक - हम्मीर देव चौहान

● आक्रमण - अलाउद्दीन खिलजी

● जौहर - देवल (हम्मीर देव की पुत्री)

प्रमुख तथ्य :-

● पाशेब - दुर्ग में विशिष्ट चबूतरे।

● गरगच, मगरबी - दुर्ग से ज्वलनशील पदार्थ फेंकने के यंत्र।

● अर्शदा - दुर्ग से पत्थरों की वर्षा करने वाला यंत्र।

● अकबर ने इस दुर्ग में ‘सिक्का ढालने की टकसाल’ स्थापित की।

● अकबर के शासनकाल में रणथम्भौर दुर्ग जगन्नाथ कच्छवाहा की जागीर में रहा। शाहजहाँ के समय यहाँ का अधिपति विट्ठलदास गौड़ था।

आमेर दुर्ग

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● अन्य नाम - आम्बेर, अम्बिकापुर, अम्बर, अम्बावती।

● स्थित - जयपुर नगर से उत्तर की ओर 11 किमी. दूर

● श्रेणी - गिरी दुर्ग

● अधिकार - कोकिलदेव ने 1036 ई. में यह दुर्ग आमेर के मीणा शासक भुट्‌टो से छीन लिया।

● पुनर्निर्माण - मिर्जा राजा मानसिंह प्रथम

● हिन्दू-मुस्लिम शैली का समन्वित रूप।

● बिशप हेबर ने आमेर के महलों को क्रेमलिन के महलों से भी ज्यादा सुन्दर एवं अलंकृत बताया।

स्थापत्य :-

● शीशमहल, अम्बिकेश्वर महादेव मंदिर, शिला माता मंदिर, दीवाने आम, दीवाने खास, दिलखुश महल, 24 रानियों का महल, बुखारा गार्डन, सुहाग मंदिर, मावठा तालाब, दौलाराम का बाग, केसर क्यारी बाग, सुख मंदिर, बालाबाई (महाराजा पृथ्वीराज की रानी) की साल।

● प्रवेश द्वार - जयपोल, सिंहपोल, गणेश पोल, सूरज पोल, चाँदपोल।

● जगत शिरोमणि मंदिर – इस मंदिर में प्रतिष्ठापित भगवान कृष्ण की काले पत्थर की मूर्ति लगी हुई है। यह मूर्ति आमेर के राजा मानसिंह-प्रथम द्वारा चित्तौड़ से लाई गई थी। इस मंदिर का निर्माण महाराजा मानसिंह की पत्नी कनकावती द्वारा अपने दिवंगत पुत्र जगतसिंह की याद में करवाया गया था।

● 1707 ई. में मुगल बादशाह मुअज्जम (बहादुरशाह) ने आमेर दुर्ग पर अधिकार कर उसका नाम ‘मोमिनाबाद’ रखा।

● दीवान-ए-आम एवं दीवान-ए-खास का निर्माण मिर्जा राजा जयसिंह ने करवाया था।

● दुर्ग में गणेश पोल के निर्माता मिर्जा राजा जयसिंह थे।

● गणेश पोल पर शीला देवी का प्रसिद्ध मंदिर बना हुआ है।

जयगढ़ दुर्ग

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● श्रेणी - गिरि दुर्ग

● निर्माण - मिर्जा राजा जयसिंह

● परिवर्द्धनकर्ता - सवाई जयसिंह द्वितीय

● स्थान - चिल्ह का टीला (जयपुर)

● प्रवेश द्वार - डूँगर दरवाजा, अवनि दरवाजा एवं भैरू दरवाजा

● उपनाम - रहस्यमयी दुर्ग, संकटकालीन राजधानी, चिल्ह का टीला दुर्ग

● विजयगढ़ी – इसमें सवाई जयसिंह ने अपने छोटे भाई विजयसिंह को कैद रखा तथा राजनीतिक बंदियों के लिए कैदखाने के रूप में काम आता है।

● दिया बुर्ज - सबसे ऊँचा बुर्ज (7 मंजिला)

● जयबाण - 1720 ई. में निर्मित एशिया की सबसे बड़ी तोप

● जयबाण तोप की मारक क्षमता - 32 किलोमीटर

● जयगढ़ दुर्ग भारत का एकमात्र दुर्ग है, जहाँ तोप ढालने का संयंत्र लगा हुआ है।

● अन्य तोपें - बादली, बजरंगबाण, मचवान

स्थापत्य :-

● पानी के टाँके, हथियारों का कारखाना, जलेब चौक, सुभट निवास, खिलबत निवास, लक्ष्मी निवास, ललित मंदिर, आराम मंदिर आदि हैं।

● कच्छवाहा राजाओं का राजकोष रखा हुआ था, श्रीमती इंदिरा गाँधी द्वारा आपातकाल में गुप्त खजाने के लिए खुदाई करवाई गई थी।

● इसका निर्माण प्राचीन भारतीय वास्तुशास्त्र के निर्धारित मानकों के अनुसार किया गया है।

नाहरगढ़ दुर्ग

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● स्थित - जयपुर

● निर्माण - 1734 ई. में सवाई जयसिंह

● उपनाम - सुदर्शनगढ़, सुलक्षणगढ़

● नामकरण - नाहरसिंह भोमिया के नाम पर

● आकार - जयपुर के मुकुट के समान

● इस दुर्ग में महाराजा माधोसिंह प्रथम ने अपनी 9 पासवानों हेतु एक जैसे 9 महल बनवाए।

● 9 महल - सूरज प्रकाश, खुशहाल प्रकाश, जवाहर प्रकाश, ललित प्रकाश, आनन्द प्रकाश, लक्ष्मी प्रकाश, चाँद प्रकाश, फूल प्रकाश और बसन्त प्रकाश

● सवाई जगतसिंह की प्रेमिका रसकपूर कुछ समय तक इसी किले में कैद करके रखी गई थी।

गागरोन दुर्ग

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● श्रेणी - जल दुर्ग या औदुक दुर्ग

● निर्माण – 12वीं सदी में डोड राजा या बीजलदेव

● स्थान - सामेलणी (झालावाड़) में कालीसिन्ध-आहू नदियों के संगम पर

● अन्य नाम - धूलरगढ़ या डोडगढ़, गर्गराटपुर

● ‘चौहान कल्पद्रुम’ ग्रन्थ के अनुसार खींची राजवंश संस्थापक देवनसिंह (धारू) ने 12वीं सदी के उत्तरार्द्ध में डोड शासक बीजलदेव को परास्त कर इसका नाम गागरोन दुर्ग रखा।

स्थापत्य :-

● सूफी संत ‘मिट्‌ठे साहब की दरगाह’

● बुलन्द दरवाजा औरंगजेब द्वारा निर्मित भी स्थित है।

● संत पीपा की छतरी

● भगवान मधुसूदन का मंदिर

● कोटा रियासत के सिक्के ढालने की टकसाल

● जालिमकोट - कोटा के झाला जालिमसिंह द्वारा निर्मित विशाल परकोटा।

दो साके :-

(1) प्रथम साका

● वर्ष - 1423

● आक्रमण - मांडू सुल्तान होशंगशाह

● शासक - अचलदास खींची

(2) द्वितीय साका

● वर्ष - 1444

● आक्रमण - महमूद खिलजी

● शासक - पाल्हणसी

● नाम परिवर्तन - मुस्तफाबाद

प्रमुख तथ्य :-

● अकबर ने गागरोन दुर्ग पृथ्वीराज को जागीर में दे दिया।

● पृथ्वीराज ने प्रसिद्ध ग्रंथ ‘वेलि क्रिसन रुकमणि री’ गागरोन में रहकर लिखा।

● बादशाह जहाँगीर ने यह किला बूँदी के हाड़ा शासक राव रतन हाड़ा को जागीर में दे दिया।

● गीध कराई - गागरोन दुर्ग के पास स्थित ऊँची पहाड़ी।

● यह राज्य का एकमात्र दुर्ग है, जो बिना नींव के एक चट्टान पर सीधा खड़ा है।

मैगजीन किला

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● स्थित - अजमेर

● निर्माण - मुगल शासक अकबर द्वारा 1571-72 ई. में

● अन्य नाम - अकबर का दौलतखाना, मुगल किला

● यह मुगलों द्वारा मुस्लिम-हिन्दू दुर्ग निर्माण पद्धति से बनाया गया राजस्थान का एकमात्र दुर्ग है।

● इसी दुर्ग में 1576 ई. के हल्दीघाटी युद्ध की अन्तिम योजना बनाई गई थी।

● 10 जनवरी, 1616 को इंग्लैण्ड सम्राट जेम्स प्रथम के दूत टॉमस रो ने इसी दुर्ग में बादशाह जहाँगीर से मुलाकात की थी।

● 1801 ई. में अंग्रेजों ने इस किले पर अधिकार कर इसे अपना शस्त्रागार (मैग्जीन) बना लिया।

● अकबर के पुत्र दानियाल तथा शाहजहाँ के पुत्र शहजादा शूजा का जन्म इसी किले में हुआ।

● इस दुर्ग में अंग्रेजों ने राजपूताना म्यूजियम बनवाया।

तारागढ़ दुर्ग (अजमेर)

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● श्रेणी - गिरि दुर्ग

● निर्माण - चौहान शासक अजयराज

● समय - 11वीं सदी में

● स्थान - तारागढ़ पर्वत की बीठली पहाड़ी, अजमेर

● उपनाम - गढ़बीठली दुर्ग, अजयमेरु दुर्ग, राजपूताने की कुँजी, राजस्थान का जिब्राल्टर, अरावली का अरमान

● बिशप हैबर ने तारागढ़ दुर्ग को ‘राजस्थान का जिब्राल्टर’ की संज्ञा दी।

● हरविलास शारदा ने इस दुर्ग को भारत का प्रथम दुर्ग माना है।

● प्रवेश द्वार - विजय पोल, लक्ष्मी पोल, फूटा दरवाजा, भवानी पोल, हाथी पोल आदि।

● 14 बुर्ज - जिनमें घूँघट, गूगड़ी, फूटी बुर्ज, नक्कारची की बुर्ज, शृंगार चँवरी बुर्ज, पीपली बुर्ज, दोराई बुर्ज, फतेह बुर्ज, जानू नायक, इब्राहिम शहीद, बांदरा, इमली, खिड़की, आर-पार का अत्ता आदि प्रमुख हैं।

● तारागढ़ – मेवाड़ के राणा रायमल के युवराज पृथ्वीराज ने अपनी रानी तारा के नाम पर इसका नाम तारागढ़ रखा।

● प्रमुख इमारतें


भटनेर दुर्ग, हनुमानगढ़

आक्रमणकारी - महमूद गजनवी (1001 ई.)

- तैमूर (1398 ई.) समकालीन शासक – दुलचंद भाटी

- अकबर (1570 ई.)

रणथम्भौर दुर्ग, सवाईमाधोपुर

शासक – हम्मीर देव

आक्रमणकारी - अलाउद्दीन खिलजी (1301 ई.)

गागरोन दुर्ग, झालावाड़

शासक - अचलदास खींची

आक्रमणकारी - होशंगशाह, मांडू सुल्तान (1423 ई.)

शासक - पाल्हणसी

आक्रमणकारी - महमूद खिलजी प्रथम (1444 ई.)

चित्तौड़ दुर्ग, चित्तौड़गढ़

शासक - रावल रतनसिंह

आक्रमणकारी - अलाउद्दीन खिलजी (1303 ई.)

शासक – विक्रमादित्य

आक्रमणकारी – बहादुर शाह (1534 ई.)

शासक – उदयसिंह

आक्रमणकारी – अकबर (1567-68 ई.)

जैसलमेर दुर्ग, जैसलमेर

शासक - रावल मूलराज

आक्रमणकारी - अलाउद्दीन खिलजी (1312-13 ई.)

शासक - रावल दूदा

आक्रमणकारी - फिरोज तुगलक (1351-1388 ई.)

शासक – लूणकरण

आक्रमणकारी - अमीर अली, कंधार (1550 ई.)

सुवर्णगिरि दुर्ग, जालोर

शासक – कान्हड़देव

आक्रमणकारी – अलाउद्दीन खिलजी (1311)

सिवाणा दुर्ग, बाड़मेर

शासक – सातलदेव

आक्रमणकारी - अलाउद्दीन खिलजी (1308 ई.)

Sunday, 5 January 2025

भारतीय संविधान की अनुसूचियां

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भारतीय संविधान की अनुसूचियां और उनके विषय:


पहली अनुसूची - राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सूची
दूसरी अनुसूची - महत्वपूर्ण पदाधिकारियों के प्रावधान
तीसरी अनुसूची - शपथ या प्रतिज्ञान के रूप
चौथी अनुसूची - राज्यों की परिषद में सीटों का आवंटन
पांचवीं अनुसूची - अनुसूचित क्षेत्रों और अनुसूचित जनजातियों का प्रशासन
छठी अनुसूची - असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम राज्यों में जनजातीय क्षेत्रों का प्रशासन
सातवीं अनुसूची - संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची
आठवीं अनुसूची - मान्यता प्राप्त भाषाओं की सूची
नौवीं अनुसूची - कुछ अधिनियमों और विनियमों की मान्यता
दसवीं अनुसूची - दल-बदल के आधार पर अयोग्यता
ग्यारहवीं अनुसूची - पंचायतों की शक्तियां, अधिकार और उत्तरदायित्व
बारहवीं अनुसूची - नगरपालिकाओं की शक्तियां, अधिकार और उत्तरदायित्व

राजस्थान लोक गायन शैलियां(Folk singing styles)

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राजस्थान लोक गायन शैलियां(Folk singing styles)


1. माण्ड गायन शैली

10 वीं 11 वीं शताब्दी में जैसलमेर क्षेत्र माण्ड क्षेत्र कहलाता था। अतः यहां विकसित गायन शैली माण्ड गायन शैली कहलाई।
एक श्रृंगार प्रधान गायन शैली है।

प्रमुख गायिकाएं
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अल्ला-जिल्हा बाई (बीकानेर) – केसरिया बालम आवो नही पधारो म्हारे देश।
गवरी देवी (पाली) भैरवी युक्त मांड गायकी में प्रसिद्ध
गवरी देवी (बीकानेर) जोधपुर निवासी सादी मांड गायिका।
मांगी बाई (उदयपुर) राजस्थान का राज्य गीत प्रथम बार गाया।
जमिला बानो (जोधपुर)
बन्नों बेगम (जयपुर) प्रसिद्ध नृतकी “गोहरजान” की पुत्री है।

2. मांगणियार गायन शैली

राजस्थान के पश्चिमी क्षेत्र विशेषकर जैसलमेर तथा बाड़मेर की प्रमुख जाति मांगणियार जिसका मुख्य पैसा गायन तथा वादन है।
मांगणियार जाति मूलतः सिन्ध प्रान्त की है तथा यह मुस्लिम जाति है।
प्रमुख वाद्य यंत्र कमायचा तथा खड़ताल है।
कमायचा तत् वाद्य है।
इस गायन शैली में 6 रंग व 36 रागिनियों का प्रयोग होता है।
प्रमुख गायक 1 सदीक खां मांगणियार (प्रसिद्ध खड़ताल वादक) 2 साकर खां मांगणियार (प्रसिद्ध कम्रायण वादक)

3. लंगा गायन शैली

लंगा जाति का निवास स्थान जैसलमेर-बाडमेर जिलों में है।
बडवणा गांव (बाड़मेर) ” लंगों का गांव” कहलाता है।
यह जाति मुख्यतः राजपूतों के यहां वंशावलियों का बखान करती है।
प्रमुख वाद्य यत्र कमायचा तथा सारंगी है।
प्रसिद्ध गायकार 1 अलाउद्दीन खां लंगा 2 करीम खां लंगा

4. तालबंधी गायन शैली

औरंगजेब के समय विस्थापित किए गए कलाकारों के द्वारा राज्य के सवाईमाधोपुर जिले में विकसित शैली है।
इस गायन शैली के अन्तर्गत प्राचीन कवियों की पदावलियों को हारमोनियम तथा तबला वाद्य यंत्रों के साथ सगत के रूप में गाया जाता है।
वर्तमान में यह पूर्वी क्षेत्र में लोकप्रिय है।


5. हवेली संगीत गायन शैली

प्रधान केन्द्र नाथद्वारा (राजसमंद) है।
औरंगजेब के समय बंद कमरों में विकसित गायन शैली।

♦भारत के लोकनृत्य

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🔷♦🔷भारत के लोकनृत्य🔷♦🔷

➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖
🔷【आंध्रप्रदेश】----कुचीपुड़ी, घंटामरदाला, ओट्टम थेडल, वेदी नाटकम।

🔷【असम】----बीहू, बीछुआ, नटपूजा, महारास, कालिगोपाल, बागुरुम्बा, नागा नृत्य, खेल गोपाल, ताबाल चोनग्ली, कानोई, झूमूरा होबजानाई।

🔷【बिहार】---जाट– जाटिन, बक्खो– बखैन, पनवारिया, सामा चकवा, बिदेसिया।

🔷【गुजरात】--गरबा, डांडिया रास, टिप्पनी जुरुन, भावई।

🔷【हरियाणा】--झूमर, फाग, डाफ, धमाल, लूर, गुग्गा, खोर, जागोर।

🔷【हिमाचल प्रदेश】---झोरा, झाली, छारही, धामन, छापेली, महासू, नटी, डांगी। 

🔷【जम्मू और कश्मीर】---रऊफ, हीकत, मंदजात, कूद डांडी नाच, दमाली। 

🔷【कर्नाटक】---यक्षगान, हुट्टारी, सुग्गी, कुनीथा, करगा, लाम्बी। 

,🔷【केरल】---कथकली (शास्त्रीय), ओट्टम थुलाल, मोहिनीअट्टम, काईकोट्टिकली।   

,🔷【महाराष्ट्र】---लावणी, नकाटा, कोली, लेजिम, गाफा, दहीकला दसावतार या बोहादा।   

🔷【ओडीशा】---ओडिसि (शास्त्रीय), सवारी, घूमरा, पैंरास मुनारी, छाउ।

🔷【पश्चिम बंगाल】---काठी, गंभीरा, ढाली, जतरा, बाउल, मरासिया, महाल, कीरतन।

🔷【पंजाब】 ---भांगड़ा, गिद्दा, दफ्फ, धामन, भांड, नकूला।  

🔷【राजस्थान】--घूमर, चाकरी, गणगौर, झूलन लीला, झूमा, सुईसिनी, घपाल, कालबेलिया।   

🔷【तमिलनाडु】---भरतनाट्यम, कुमी, कोलट्टम, कवाडी।

🔷【उत्तर प्रदेश】---नौटंकी, रासलीला, कजरी, झोरा, चाप्पेली, जैता। 

🔷【उत्तराखंड】---गढ़वाली, कुंमायुनी, कजरी, रासलीला, छाप्पेली। 

🔷【गोवा】---तरंगमेल, कोली, देक्खनी, फुग्दी, शिग्मो, घोडे, मोडनी, समायी नृत्य, जगर, रणमाले, गोंफ, टून्नया मेल।  

🔷【मध्यप्रदेश】---जवारा, मटकी, अडा, खाड़ा नाच, फूलपति, ग्रिदा नृत्य, सालेलार्की, सेलाभडोनी, मंच।  

🔷【छत्तीसगढ़】---गौर मारिया, पैंथी, राउत नाच, पंडवाणी, वेडामती, कपालिक, भारथरी चरित्र, चंदनानी।

🔷【झारखंड】---अलकप, कर्मा मुंडा, अग्नि, झूमर, जनानी झूमर, मर्दाना झूमर, पैका, फगुआ, हूंटा नृत्य, मुंदारी नृत्य, सरहुल, बाराओ, झीटका, डांगा, डोमचक, घोरा नाच।  

🔷【अरुणाचल प्रदेश】---बुईया, छालो, वांचो, पासी कोंगकी, पोनुंग, पोपीर, बारडो छाम।  

🔷【मणिपुर】--डोल चोलम, थांग टा, लाई हाराओबा, पुंग चोलोम, खांबा थाईबी, नूपा नृत्य, रासलीला, खूबक इशेली, लोहू शाह।  

🔷【मेघालय】---का शाद सुक मिनसेइम, नॉन्गरेम, लाहो।  

🔷【मिजोरम】----छेरव नृत्य, खुल्लम, चैलम, स्वलाकिन, च्वांगलाईज्वान, जंगतालम, पर लाम, सरलामकई/ सोलाकिया, लंगलम।         

🔷【नगालैंड】----रंगमा, बांस नृत्य, जीलैंग, सूईरोलियंस, गीथिंगलिम, तिमांगनेतिन, हेतलईयूली। 

🔷【त्रिपुरा】---होजागिरी

🔷【सिक्किम】---छू फाट नृत्य, सिकमारी, सिंघई चाम या स्नो लायन डांस, याक छाम, डेनजोंग नेनहा, ताशी यांगकू नृत्य, खूखूरी नाच, चुटके नाच, मारूनी नाच।  

🔷【लक्ष्यद्वीप】  --लावा, कोलकाई, परीचाकली

♻️ राजस्थान की प्राचीन सभ्यता✍️

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♻️ राजस्थान की प्राचीन सभ्यता✍️


सुनारी सभ्यता

जिला – नीम का थाना 
तांबा गलाने की भट्टीयां मिली है।

रेड सभ्यता

जिला – टोंक
लौहे के भण्डार प्राप्त हुए हैं।
इस कारण इसे ‘प्राचीन भारत का टाटानगर’ कहा जाता है।

नालियासर सभ्यता

जिला – जयपुर ग्रामीण 
लोहा युगीन सभ्यता

रंगमहल, पीलीबंगा

जिला – हनुमानगढ़
कांस्ययुगीन सभ्यता(सिन्धु घाटी सभ्यता के स्थल)

करणपुरा(भादरा) नवीनतम स्थल

नगरी सभ्यता

जिला – चित्तौड़गढ़
नगरी का प्राचीन नाम – मध्यमिका
नगर सभ्यता
जिला – टोंक
प्राचीन नाम – मालव नगर


बालाथल सभ्यता

जिला – उदयपुर(वल्लभनगर तहसील के पास)
नदी – बनास
समय – 1900 ईसा पुर्व से 1200 ईसा पुर्व तक
आहड़ सभ्यता से सम्बधित ताम्र युगीन स्थल
खोजकर्ता व उत्खनन कत्र्ता – 1993 वी. एन. मिश्र(विरेन्द्र नाथ मिश्र)

विशेषता-
यहाँ एक बड़ा भवन, दुर्ग, सांड व कुत्ते की मूर्तियों के साथ ताम्बे के आभूषण मिले है।
मिश्रित अर्थव्यवस्था के साक्ष्य मिले हैं।
कृषि के साथ – साथ पशुपालन का प्रचलन था।


गिलुण्ड सभ्यता

जिला – राजसमंद
खोजकर्ता / उत्खनन कर्ता – 1957- 58 वी. बी.(वृज बासी) लाल
आहड़ सभ्यता से सम्बधित ताम्र युगीन सभ्यता
बनास के किनारे यह सभ्यता विकसित हुई थी।
यह 1500 ई. पू. की सभ्यता है।


गणेश्वर सभ्यता

जिला – नीम का थाना
खोजकर्ता/उत्खनन कत्र्ता – 1977 आर. सी.(रत्न चन्द्र) अग्रवाल
नदी – कांतली
समय – 2800 ईसा पुर्व
काल – ताम्रयुगीन सभ्यता
विशेषताएं-
मछली पकड़ने का कांटा मिला है।
ताम्र निर्मित बरछी (कुल्हाड़ी ) मिली है।
शुद्ध तांबे निर्मित तीर, भाले, तलवार, बर्तन, आभुषण, सुईयां मिले हैं।


आहड़ सभ्यता

जिला – उदयपुर
नदी – आयड़(बेड़च नदी के तट पर)
समय – 1900 ईसा पुर्व से 1200 ईसा पुर्व
काल – ताम्र पाषाण काल
खोजकर्ता – 1953 अक्षय कीर्ति व्यास
उत्खनन कर्ता – 1956 आर. सी. अग्रवाल(रत्नचन्द्र अग्रवाल) तथा एच.डी.(हंसमुख धीरजलाल) सांकलिया।
आहड़ का प्राचीन नाम – ताम्रवती नगरी
10 या 11 शताब्दी में इसे आघाटपुर/आघाट दुर्ग कहते थे।
स्थानीय नाम – धुलकोट

आहड़ सभ्यता की विशेषताएं:
ताम्बे की मुहरें तथा मुद्राएं , एक मुद्रा पर एक ओर त्रिशूल एवं दूसरी और अपोलो अंकित है जिसके हाथ में तीर है तथा पीछे तरकश है।
ताम्बा गलाने की भट्टी मिली है।
यहाँ के निवासी शवों को आभूषणों सहित दफनाते थे।
यह सभ्यता बनास नदी सभ्यता का हिस्सा थी इसलिए इसे बनास संस्कृति भी कहते हैं।


कालीबंगा सभ्यता

जिला – हनुमानगढ़
नदी – सरस्वती(वर्तमान की घग्घर)
समय – 3000 ईसा पूर्व से 1750 ईसा पूर्व तक। राजस्थान की सबसे पुराणी सभ्यता
काल – ताम्र युगीन काल
खोजकर्ता – 1952 अमलानन्द घोस
उत्खनन कर्ता – (1961-69) बी. बी. लाल (बृजबासी लाल), बी. के. थापर(बालकृष्ण थापर)
कालीबंगा शाब्दीक अर्थ – काली चुडि़यां

कालीबंगा सभ्यता की विशेषताएं:
जुते हुऐ खेत के साक्ष्य
यह नगर दो भागों में विभाजित है और दोनों भाग सुरक्षा दिवार(परकोटा) से घिरे हुए हैं।
लकड़ी से बनी नाली के साक्ष्य प्राप्त हुए है।
यहां से ईटों से निर्मित चबुतरे पर सात अग्नि कुण्ड प्राप्त हुए है जिसमें राख एवम् पशुओं की हड्डियां प्राप्त हुई है। यहां से ऊंट की हड्डियां प्राप्त हुई है, ऊंट इनका पालतु पशु है।
यहां से सुती वस्त्र में लिपटा हुआ ‘उस्तरा‘ प्राप्त हुआ है।
यहां से कपास की खेती के साक्ष्य प्राप्त हुए है।
जले हुए चावल के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं।
युगल समाधी के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं।
यहां से मिट्टी से निर्मिट स्केल(फुटा) प्राप्त हुआ है।
यहां से शल्य चिकित्सा के साक्ष्य प्राप्त हुआ है। एक बच्चे का कंकाल मिला है।


बैराठ सभ्यता

जिला – कोटपूतली बहरोड 
नदी – बाणगंगा
समय – 600 ईसा पुर्व से 1 ईस्वी
काल – लौह युगीन
खोजकर्ता/ उत्खनन कर्ता – 1935 – 36 दयाराम साहनी
प्रमुख स्थल – बीजक की पहाड़ी, भीम की डुंगरी, महादेव जी डुंगरी
विशेषता
मत्स्य जनपद की राजधानी – विराटनगर
(मत्स्य जनपद – जयपुर ग्रामीण, जयपुर, कोटपूतली बहरोड, अलवर, भरतपुर)
विराटनगर – बैराठ का प्राचीन नाम है।
महाभारत संस्कृति के साक्ष्य
पाण्डुओं ने अपने 1 वर्ष का अज्ञातवास विराटनगर के राजा विराट के यहां व्यतित किया था।

बौद्धधर्म के साक्ष्य
बैराठ से हमें एक गोलाकार बौद्ध मठ मिला है।

मौर्य संस्कृति के साक्ष्य
मौर्य समाज – 322 ईसा पुर्व से 184 ईसा पुर्व
सम्राट अशोक का भाब्रु शिलालेख बैराठ से मिला है।
भाब्रु शिलालेख की खोज – 1837 कैप्टन बर्ट
वर्तमान में भाब्रु शिलालेख कोलकत्ता के संग्रहालय में सुरक्षित है।
इसकी भाषा – प्राकृत भाषा
लिपी – ब्राह्मी लिपि

हिन्द-युनानी संस्कृति के साक्ष्य
यहां से 36 चांदी के सिक्के प्राप्त हुए हैं 36 में से 28 सिक्के हिन्द – युनानी राजाओं के है। 28 में से 16 सिक्के मिनेण्डर राजा(प्रसिद्ध हिन्द – युनानी राजा) के मिले हैं।
शेष 8 सिक्के प्राचीन भारत के सिक्के आहत(पंचमार्क) है।

मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार- 2024

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मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार- 2024  
मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार- 2024 


📌चार खिलाड़ियों को मिलेगा मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार 2024

    1. डी गुकेश - विश्व शतरंज चैंपियन 

    2. मनु भाकर - पेरिस ओलंपिक में दो पदक 

    3. हरमनप्रीत सिंह - भारतीय हॉकी टीम के कप्तान , इनकी अगवाई में भारतीय हॉकी टीम ने पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीता,,

4. प्रवीण कुमार - पैरा एथलीट 
                         -  हाई जंप, T 64 कैटेगरी में पेरिस पैरा ओलंपिक में स्वर्ण तथा टोक्यो पैरा ओलंपिक में रजत पदक जीता.

❀━━━━━━━✧❂✧━━━━━━━━❀

मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार👇

🔹शुरुआत =1991-1992 में 
🔹पहला खेल रत्न - विश्वनाथन आनंद  
🔹 पुरस्कार राशि - 25 लाख 
🔹 वर्ष 2021 में राजीव गांधी खेल रत्न से नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न किया गया,,

भारत में खेलो में दिया जाने वाला सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार....👍❤️

Saturday, 15 July 2023

First Person in India - Female

IndiaEnotes

First Person in India - Female




● First woman pilot of Indian Navy - Shivangi Hari Bhushan Singh [1] , Born - Muzaffarpur, Bihar.
● India's first female military diplomat - Anjali Singh [2] .
● The first Indian woman to fly fighter aircraft solo - IAF officer Avani
Chaturvedi [3] .
● First Indian to win a Badminton World Championships gold - P. V.
Sindhu [4] , Born - Hyderabad.
● First woman president of any State Cricket Association in India -
Rupa Gurunath [5] (Tamil Nadu).
● The world’s first woman pilot to cross the Atlantic Ocean and
pacific ocean in a light sport aircraft (LSA) - Aarohi Pandit [6] .
● First Civil Servant and IPS officer to Scale 7 Summits’ challenge
and also to reach the South Pole - Aparna Kumar [7] .
● First Indian Woman Flight Engineer to be inducted by the Indian
Air Force - Hina Jaiswal [8] .
● First woman to head the Indian National Science Academy (INSA) -
Chandrima Shaha [9] .
● First woman president of Astronomical Society of India - Dr. G. C.
Anupama .
● First woman Vice-Chancellor of Jamia Millia - Najma Akhtar .
● First female to be appointed as ICC Match Referee - GS Lakshmi .
● First woman to perform bike stunts, alongside her male teammates
as part of daredevils on Republic Day - Captain Shikha Surabhi [10] .
● First woman to occupy IMF chief economist post - Gita Gopinath [11] .
● First Indian shooter to win gold at Youth Olympics - Manu Bhaker [12] .
● India’s First Woman President - Pratibha Patil .
● India’s First Woman Prime Minister - Indira Gandhi .
● India’s First Woman IPS Officer - Kiran Bedi [14] .
● First Director General of Police - Kanchan Chaudhary Bhattacharya [13] .
● First Woman Chief Minister of State - Sucheta Kripalani [15] (Uttar
Pradesh).

● First Woman Union Minister - Rajkumari Amrita Kaur (Ministry of Health).
● First Woman Governor - Sarojini Naidu (Uttar Pradesh).
● First Woman President of INC - Annie Besant .
● First Indian Woman President of INC - Sarojini Naidu .
● First Woman Judge of the Supreme Court - Fatima Beevi [16] .
● First Woman to get Ashok Chakra - Neerja Bhanot [17] .
● First Indian Woman Ambassador at UN - Vijayalakshmi Pandit [18] .
● First Indian Woman to get a Nobel Prize - Mother Teresa .
● First Indian Woman to swim across English Channel - Arati Saha [19] .
● First Indian Woman to climb Mt Everest - Bachendri Pal [20] .
● First Indian Woman to climb Mt Everest twice - Santhosh Yadhav .
● First Indian Woman to climb Mt Everest twice in 5 days - Anshu
Jamsenpa (Arunachal Pradesh).
● First Indian Woman to become Miss World - Dr. Rita Faria [21] .
● Youngest girl in India to climb Everest - Malavath Poorna on 25 May
2014 at the age of 13.
● First Indian Woman to become Miss Universe – Sushmita Sen .
● First Indian Woman to get Bharat Ratna - Indira Gandhi .
● First Indian Woman to get Jnanpith Award - Ashapurna Devi
(‘Prothom Protishrut’, she was Bengali writer).
● First Indian Woman to win WTA Title - Sania Mirza .
● First pilot of Indian Airlines in 1956 and the first Indian woman commercial pilot - Durba Banerjee .
● First Indian woman to fly a commercial aircraft - Sarla Thakral .
● First Indian Woman to win Gold in Asian Games - Kamaljeet Sandhu (won gold medal at
1970 Bangkok Asian Games in 400 m race).
● First Indian Booker Prize winner - Arundhati Roy [22] for her novel “ The God of Small
Things ” in 1997.
● First Indian Woman to go to space - Kalpana Chawla (Space Shuttle Columbia).
● First winner of Dadasaheb Phalke Award – Devika Rani in 1969 (Dadasaheb Phalke
directed the first Indian film ‘Raja Harishchandra’).
● First female Jawan in the Army - Shanti Tigga .

● First Woman Chief Minister to die in Office - Jayalalithaa [24]
(AIADMK party) (first male was ‘Gopinath Bordoloi’ he was CM of
Assam, Guwahati Airport is named after him).
● First Woman Indian Prime Minister to die in Office - Indira Gandhi .
● Anandi Gopal Joshi [23] is referred to as the first lady doctor of India .
● First women's court in India - Malda, West Bengal .
● First Women Graduates - Kadambini Ganguly and Chandramukhi Basu ,
1883.
● First woman honours graduate - Kamini Roy [25] , 1886.
● India's first female train driver in 1988 - Surekha Yadav [26] .
● First female Chairperson of State Bank of India - Arundhati
Bhattacharya .
● First female advocate in India - Cornelia Sorabjee (also first indian
woman to study at Oxford University).
● First female Chief Justice of a High Court (Himachal Pradesh) - Leila
Seth , 1991.
● First female Air Vice Marshal - Padmavathy Bandopadhyay [28] .
● First female High Court Judge - Anna Chandy .
● First woman speaker of the Lok Sabha - Meira Kumar [30] .
● First women Chess Grandmaster - Koneru Humpy [29] .
● First woman to Cross Gobi Desert - Sucheta Kadethankar .
● First woman to reach the final of an Olympic event - P T Usha (She came 4th in 1984 Los Angeles Olympics, also
known as ‘Payyoli Express’).
● First woman to become IAS officer in Independent India - Anna Rajam Malhotra [31] .
● First woman Indian Administrative Services officer of British India -
Isha Basant Joshi [32] .
● First woman to win Ramon Magsaysay Award - Mother Teresa .
● First woman Managing director of LIC of India - Usha Sangwan [34] .
● First woman appointed as the United Nations Civil Police adviser -
Kiran Bedi .
● First and the only Indian golfer to participate in Asian Youth Games (2013), Youth Olympic Games (2014), Asian
Games (2014) and Olympic Games (2016) - Aditi Ashok [33] .

● First female Deputy Chairman of the Rajya Sabha - Violet Alva [35] .
● First female Secretary-General of Rajya Sabha - V.S. Ramadevi [36] .
● First female Secretary-General of the Lok Sabha - Snehlata
Shrivastava .
● First female Home Minister of a state - Sabitha Indra Reddy , Andhra
Pradesh.
● First women Railway Minister of India - Mamata Banerjee .
● First female finance Minister of State Government in India - Dr
Upinderjit Kaur [38] , in Punjab Govt.
● Fully blind IFS officer - Beno Zephine N L .
● Fully blind IAS officer – Pranjal Patil [37] .
● First Indian Athlete ever to win a Medal in World Championships in
Athletics - Anju Bobby George [39] , She Won the Bronze Medal in Long
Jump at the 2003 World Championships in Athletics in Paris.
● Individual Medal Woman at Olympics - Bronze by Karnam
Malleswari .
● First female to represent India at the Summer Olympics - Nora Polley
in the 1924 Summer Olympics.
● First female to represent Independent India at the Summer Olympics - Nilima Ghose in the 1952 Summer
Olympics.
● First woman to compete for India in the Winter Olympic Games - Shailaja Kumar in the 1988 Winter Olympics.
● First female flag bearer at the Summer Olympics - Shiny Abraham in the 1992 Summer Olympics.
● First female flag bearer at the Winter Olympics - Neha Ahuja in the 2006 Winter Olympics.
● First Indian female gymnast ever to compete in the Olympics - Dipa Karmakar at 2016 Summer Olympics.
● India's first Merchant Navy captain - Radhika Menon [40] (2012).
● India’s first woman maritime engineer - Sonali Banerjee [41] .
● First woman teacher in India - Savitribai Phule .
● First Woman to hold a Union Foreign Minister's post - Sushma Swaraj .
● First Woman chairman of Union Public Service Commission - Roze Millian
Bethew .
● First Woman Lieutenant General - Puneeta Arora [42] .
● First Woman chairperson of Indian Airlines - Sushma Chawla [43] .

● First Indian woman who reached Antarctica - Mahel Moos [44] .
● First Indian woman who became an individual member of the
International Olympic Committee - Nita Ambani .
● First Indian woman mountaineer to scale the seven continental peaks
- Premlata Agrawal [45] .
● First woman amputee (no hand and legs) to scale Everest - Arunima
Sinha .
● First Indian woman scientist selected as fellow in London's Royal
Society - Gagandeep Kang [46] .
● First women defense Minister of India - Nirmala Sitharaman (Indira
Gandhi was also defence minister but she was not full time as she was
Prime Minister).
● First woman Finance Minister of India - Nirmala Sitharaman .
● First woman DIG in Indian Coast Guard - Nupur Kulshrestha [48] .
● First woman cadet to join the Indian Army - Priya Jhingan [47] .
● First Indian to be appointed as the deputy director-general of WHO - Dr. Soumya Swaminathan .
● First woman in the Indian Army awarded the coveted ‘Sword of Honour’ prize - Divya Ajith Kumar .
● First person to win an international bronze medal in skiing - Aanchal Thakur [49] .
● First Woman to Win an Olympic Silver Medal - P. V. Sindhu .

First Person in India - Male

IndiaEnotes

First Person in India - Male




● First Man in Space - Rakesh Sharma .
● First graduate in medicine - Surjo Kumar Chakroborty .
● First Indian to get a Nobel Prize in Physics - C V Raman (He won Nobel Prize
in 1930 for Raman Effect, its discovery was done on 28th February, National
Science Day is celebrated across India on 28th February).
● First president of India - Dr Rajendra Prasad (Bihar).
● First vice-president of India - Sarvepalli Radhakrishnan (first chairman of
Rajya Sabha, 2nd President of India, his birthday 5th September is celebrated as
Teachers Day).
● First president of Indian National Congress - Womesh Chandra Banerjee
(Bombay,1885).
● First Prime Minister of India - Jawaharlal Nehru .
● First Chief Election Commissioner of India - Sukumar Sen .
● First Chief Justice of India - H.J Kania .
● First Speaker of Lok Sabha - G. V. Mavlankar .
● First Home Minister of India - Sardar Vallabhai Patel (he was also first deputy
Prime Minister of India).
● First Chairperson of Lokpal of India - Pinaki Chandra Ghose .
● First Defence Minister of India - Baldev Singh Chhokar .
● First Commander-in-Chief of Free India - K M Cariappa .
● First Field Marshal - Sam Manekshaw .
● First Param Vir Chakra winner - Major Som Nath Sharma .
● First Individual Gold Medal Summer Olympics - Abhinav Bindra .
● First Individual Medal in Olympic games - KD Jadhav .
● First Indian to reach Antarctica - Ram Charan .
● First Muslim President of the Indian National Congress - Badruddin
Tayyabji .
● First Permanent Judge in the International Court of Justice - Sir Benegal
Narsingh Rau .
● Maharaja Sri Nagendra Singh - Indian lawyer who served as President of the
International Court of Justice from 1985 to 1988.

● India's (Independent) first Indian Governor General - Chakravarti
Rajagopalachari, popularly known as Rajaji.
● The first Education Minister - Abul Kalam Azad .
● The first Indian Naval Chief - Vice Admiral R.D. Katari .
● The first Indian to cross English Channel - Mihir Sen .
● The first Indian to join the Indian Civil Services - Satyendra Nath Tagore .
● The first Indian to win a Nobel Prize - Rabindranath Tagore .
● The first Muslim President of India - Dr. Zakir Hussain .
● First Sikh President of India - Giani Zail Singh .
● The first Indian to receive Ramon Magsaysay Award - Acharya Vinoba Bhave .
● The first person to receive the Stalin Prize (now known as Lenin Peace Prize) -
Saifuddin Kitchlu .
● The first President of India who died while in office - Dr. Zakir Hussain .
● The first Prime Minister of India who did not face the Parliament - Chaudhary
Charan Singh (his birthday is celebrated as Kisan Divas, 23rd December).
● The first Prime Minister of India who resigned without completing the full
term - Morarji Desai .
● The first non-Congress Prime Minister of India - Morarji Desai .
● The first prime minister to get Nishan-e-Pakistan - Morarji Desai , 1990.
● First Chief of Defence Staff (India) of India : Bipin Rawat .
● First Chief of Air Staff : Subroto Mukerjee .
● First Chief of Army Staff - Rajendrasinhji Jadeja .
● First Person to reach the South Pole - Colonel Jatinder Kumar Baja j.
● First Person to win Oscar for Lifetime Achievement - Satyajit Ray .
● First Indian filmmaker to get Bharat Ratna - Satyajit Ray .
● First Deputy Prime Minister of India - Vallabhbhai Patel .
● First Minister of Law and Justice – B R Ambedkar .
● First Finance Minister of Independent India : R K Shanmukham Chetty .
● First Chess Grandmaster - Viswanathan Anand , 1988.
● First Grand Slam title - Mahesh Bhupathi (partnering with Japanese Rika
Hiraki) in the mixed doubles category of the 1997 French Open.

● First Indian to summit the seven highest mountains in the world - Colonel
Ranveer Jamwal .
● The first person to reach Mt. Everest without oxygen - Sherpa Phu Dorjee .
● First Indian to complete volcanic Seven Summit - Satyarup Siddhanta .
● First Attorney General of India – M C Setalvad .
● First Solicitor General of India – C K Daphtary .
● First Comptroller and Auditor General of Indi a – V Narahari Rao .
● First Sports Person to get Bharat Ratna - Sachin Tendulkar .
● First Sikh President of India - Giani Zail Singh .
● First Sikh PM of India – Man Mohan Singh .
● First Indian to win an OSCAR Award - Bhanu Athaiya in 1983, for designing
the costumes for Richard Attenborough's Gandhi (the role of Gandhiji was
played by Actor Ben Kingsley).
● First President of Indian Science Congres s - Sir Asutosh Mukherjee .
● Dr Shanti Swarup Bhatnagar was the Founder Director (and later first Director
General) of Council of Scientific & Industrial Research (CSIR) , He was the
first Chairman of the University Grants Commission (UGC) .
● First Indian Member of British Parliament - Dadabhai Naoroji (he was a
member of House of Commons).
● First Indian to win the Grammy award - Pt. Ravi Shankar .
● Former PM Atal Bihari Vajpayee was the first person to deliver a speech in
Hindi at the United Nations General Assembly .
● First President of National Human Rights Commission - Justice Ranganath
Misra .
● Brajesh Mishra was appointed the first National Security Advisor of India
(during Atal Bihari Vajpayee government).
● First chief economic advisor of India - JJ Anjaria (during the time of Jawahar Lal Nehru).
● First Indian Managing Director of World Bank - Gautam Kazi .
● First Chairman of the National Green Tribunal - Justice Lokeshwar Singh Panta .
● First Chairman of ISRO – Vikram Sarabhai .
● First Principal Scientific Adviser to the Government of India - A. P. J. Abdul Kalam .
● First Scientist elected for Lok Sabha - Dr. Meghnad Saha .
● First Chairman of Finance Commission - K. C. Niogi.
● First Captain in Tests - C. K. Nayudu (in 1932).

Important Days International

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Important Days International



JANUARY
● World Braille Day - 4 January .
○ Observed every year on January 4 since 2019, to commemorate the birth anniversary of Louis Braille, the
inventor of Braille Language.
○ The day was proclaimed by the United Nations General Assembly in November 2018.
● International Day of Education - 24 January .
○ On Dec 3, 2018, the United Nations General Assembly adopted a resolution declaring this day as ‘International
Day of Education.’
● 27 January - International Day of Commemoration in Memory of the Victims of the Holocaust (when jews were killed
on the orders of Adolf Hitler) [United Nations].
FEBRUARY
● World Wetlands Day - 2 February .
○ This day marks the date of the adoption of the Convention on Wetlands on 2 February 1971, in the Iranian city
of Ramsar on the shores of the Caspian Sea.
● World Pulses Day - 10 February .
○ World Pulses Day is a designated United Nations global event.
● World Cancer Day - 4 February .
● World Unani Day - 11 February .
○ World Unani Day is a global event taking place every year on 11th Feb to mark the birth anniversary of great
Unani scholar and social reformer Hakim Ajmal Khan.
● International Day of Women and Girls in Science - February 11 (United Nations).
● World Radio Day – 13 February (United Nations).
● International Mother Language Day (IMLD) - 21 February .
○ First announced by UNESCO on 17 November 1999, it was formally recognized by the United Nations General
Assembly in 2002.
● Rare Diseases Day - Last day of February (28/29) .
● 6 February - International Day of Zero Tolerance to Female Genital Mutilation (United Nations).
● 10 February - World Pulses Day (United Nations).
● 11 February - International Day of Women and Girls in Science (United Nations).
● 13 February - World Radio Day (United Nations).
● 20 February - World Day of Social Justice (United Nations).
● 21 February - International Mother Language Day (United Nations).
MARCH
● 1 March - Zero Discrimination Day [UNAIDS].
● 3 March - World Wildlife Day (United Nations).
● 8 March - International Women's Day (United Nations).
● 20 March - International Day of Happiness (United Nations).
● 20 March - French Language Day (French) (United Nations).
● 21 March - International Day for the Elimination of Racial Discrimination (United Nations).
● 21 March - World Poetry Day (UNESCO).
● 21 March - International Day of Nowruz (United Nations).
● 21 March - World Down Syndrome Day (United Nations).
● 21 March - International Day of Forests (United Nations).
● 22 March - World Water Day (United Nations).
● 23 March - World Meteorological Day (United Nations).
● 24 March - World Tuberculosis Day (United Nations).
● On November 26 th 2019, the 40th General Conference of UNESCO approved the Proclamation of March 14 as the
International Day of Mathematics.
● World Kidney Day - On every second Thursday in the month of March .
● International Pi (π) day - March 14 .
● World Sparrow Day - March 20, The initiative was started by Nature Forever Society (NFS) of India, founded by
Mohammed Dilawar.

APRIL
● 2 April - World Autism Awareness Day (United Nations).
● 4 April - International Day for Mine Awareness and Assistance in Mine Action (United Nations).
● 5 April - International Day of Conscience (2020, 1 st time) (United Nations).
● 6 April - International Day of Sport for Development and Peace (United Nations).
● 7 April - World Health Day [WHO].
● 20 April - Chinese Language Day (Chinese or Mandarin) (United Nations).
● 22 April - International Mother Earth Day (United Nations).
● 23 April - English Language Day (United Nations).
● 23 April - Spanish Language Day (Spanish) (United Nations).
● 25 April - World Malaria Day [WHO] (United Nations).
● 26 April - International Chernobyl Disaster Remembrance Day (United Nations).
● 26 April - World Intellectual Property Day [WIPO] (United Nations).
● 28 April - World Day for Safety and Health at Work (United Nations).
● 30 April - International Jazz Day (UNESCO).
● World Chagas Disease Day is celebrated on April 14 to raise awareness around chagas disease (mainly in South
America).
○ It was first celebrated on April 14, 2020 and was named after Carlos Ribeiro Chagas, the Brazilian doctor who
diagnosed the first case on 14 April 1909. (United Nations)
● World Homeopathy Day - April 10 .
○ This day is celebrated to honour the birth of the father of the Homeopathy system of medicines Dr Samuel
Hahnemann.
MAY
● 2 May - World Tuna Day , tuna is a type of fish (United Nations).
● 3 May - World Press Freedom Day (UNESCO).
○ UNESCO also gives an award ‘Guillermo Cano’ World Press Freedom Day Prize.
● Second Saturday of May & October - World Migratory Bird Day [UNEP].
● 16 May - International Day of Light [UNESCO].
● 20 May - World Bee Day (United Nations).
● 21 May - International Tea Day (United Nations).
● 22 May - International Day for Biological Diversity (United Nations).
● 29 May - International Day of UN Peacekeepers (United Nations).
● 31 May - World No-Tobacco Day [WHO].
● International Day of Midwives - May 5 .
● International Nurses Day - May 12 (Birthday of Florence Nightingale).
● World Thalassaemia Day - 8 May .
● World Red Cross Day - May 8 , Birthday of Henry Dunant (founder of Red Cross Organisation).
JUNE
● 1 June - Global Day of Parents (United Nations).
● 5 June - World Environment Day (United Nations).
● 6 June - Russian Language Day (Russian) (United Nations).
● 8 June - World Oceans Day (United Nations).
● 12 June - World Day Against Child Labour (United Nations).
● 21 June - International Day of Yoga (United Nations).
● 25 June - Day of the Seafarer [International Maritime Organisation] (United Nations).
JULY
● First Saturday of July - International Day of Cooperatives (United Nations).
● 11 July - World Population Day (UNDP).
● 12 July - World Malala Day by the UN, birthday of Malala Yousafzai (youngest winner of Nobel Peace Prize).
● 18 July - Nelson Mandela International Day (United Nations).
● 28 July - World Hepatitis Day [WHO] (United Nations).

AUGUST
● 9 August - International Day of the World's Indigenous Peoples / World Tribal Day (United Nations).
● 12 August - International Youth Day (United Nations).
● 19 August - World Humanitarian Day (United Nations).
● 29 August - International Day against Nuclear Tests (United Nations).
● Hiroshima Day - August 6 .
● Nagasaki Day - August 9 .
● World Biofuel Day - August 10 .
SEPTEMBER
● 8 September - International Literacy Day (UNESCO).
● 15 September - International Day of Democracy (United Nations).
● 16 September - International Day for the Preservation of the Ozone Layer (United Nations).
● 21 September - International Day of Peace (United Nations).
● Last Thursday of September - World Maritime Day (United Nations).
● 27 September - World Tourism Day (United Nations).
OCTOBER
● 2 October - International Day of Non-Violence (United Nations).
● 5 October - World Teachers’ Day [UNESCO].
● First Monday of October - World Habitat Day (United Nations).
● 9 October - World Post Day (formation of Universal Postal Union, Switzerland).
● 10 October - World Mental Health Day [WHO].
● Second Saturday of October - World Migratory Bird Day (United Nations).
● 11 October - International Day of the Girl Child (United Nations).
● 13 October - International Day for Disaster Risk Reduction (United Nations).
● 16 October - World Food Day [Food and Agriculture Organisation].
● 17 October - International Day for the Eradication of Poverty (United Nations).
● 20 October - (every five years, beginning in 2010) World Statistics Day (United Nations).
● 24 October - United Nations Day .
● 27 October - World Day for Audiovisual Heritage (UNESCO).
● 31 October - World Cities Day (United Nations).
NOVEMBER
● 5 November - World Tsunami Awareness Day (United Nations).
● 10 November - World Science Day for Peace and Development (UNESCO).
● 14 November - World Diabetes Day (United Nations).
● Third Sunday of November - World Day of Remembrance for Road Traffic Victims (United Nations).
● 16 November - International Day for Tolerance (UNESCO).
● 19 November - World Toilet Day (United Nations).
● Third Thursday of November - World Philosophy Day (UNESCO).
● 20 November - World Children's Day (United Nations).
● 25 November - International Day for the Elimination of Violence against Women (United Nations).
DECEMBER
● 1 December - World AIDS Day (United Nations).
● 2 December - International Day for the Abolition of Slavery (United Nations).
● 3 December - International Day of Persons with Disabilities (United Nations) .
● 5 December - World Soil Day (United Nations).
● 7 December - International Civil Aviation Da y (United Nations).
● 10 December - Human Rights Day (United Nations).
● 18 December - Arabic Language Day (United Nations).

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