Saturday, 21 January 2023

राज्य मानवाधिकार आयोग ( State Human Rights Commission )

राज्य मानवाधिकार आयोग

✍️ जो अधिकार मनुष्य को बिना भेदभाव के सार्वभौमिक रूप से प्राप्त हो, उसे मानवाधिकार कहा जाता है ।
                                                 अर्थात गरिमापूर्ण जीवन के लिए, जो सार्वभौमिक अधिकार प्राप्त होते हैं, वही मानव अधिकार है ।

✍️ 1946 को एल्लोर रुजवेल्ट की अध्यक्षता में अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की स्थापना की गई।

✍️10 दिसंबर 1948 को संयुक्त राष्ट्रसंघ की महासभा में मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा की गई ।

मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम : 1993 

✍️ इस अधिनियम के तहत राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तथा राज्य मानवाधिकार आयोग के गठन का प्रावधान किया गया। 

🇮🇳 राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग 12 अक्टूबर 1993 
📝राजस्थान मानवाधिकार आयोग 18 जनवरी 1999

राजस्थान मानवाधिकार आयोग

गठन :– 18 जनवरी, 1999

कार्य प्रारम्भ :– 23 मार्च, 2000

✍️ यह राज्य सूची व समवर्ती सूची के विषयों पर कार्यवाही कर सकता हैं।

✍️ यह एक सांविधिक/ वैधानिक संस्था हैं।

संरचना :– 

• प्रारम्भ में – 1 अध्यक्ष + 4 सदस्य

• 2006 से – 1 अध्यक्ष + 2 सदस्य 

• वर्तमान में 2019 से संशोधन के पश्चात्  –

1 अध्यक्ष + 2 सदस्य + 1 महिला सदस्य

Total – 4

योग्यता :– 

✍️ High court ke सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश तथा अन्य सेवानिवृत्त न्यायाधीश को अध्यक्ष बनाया जाता हैं।

2 सदस्य 1 सदस्य High court का न्यायाधीश या न्यूनतम 7 वर्ष के अनुभव वाला जिला न्यायाधीश रहा हो

1 सदस्य ऐसा व्यक्ति जो मानवाधिकार का ज्ञाता हो।

1 महिला सदस्य जो मानवाधिकार की ज्ञाता हो।

नियुक्ति :–

✍️ राज्यपाल द्वारा चयन समिति की सिफारिश पर, जिसमे 

• CM

• विधानसभा अध्यक्ष

• गृहमंत्री

• विधानसभा में विपक्ष का नेता

✍️ चयन समिति के अध्यक्ष CM होते हैं।

कार्यकाल :– 

✍️ 3 वर्ष या 70 वर्ष की आयु जो भी पहले हो।

NOTE :- कार्यकाल पहले 5 वर्ष या 70 की आयु हुआ करता था, जिसे 2019 में संशोधित करके 3 वर्ष या 70 वर्ष की आयु कर दिया गया।

NOTE :- यदि आयु 70 से कम हैं तो पुनः नियुक्ति भी की जा सकती हैं।

✍️ यदि अध्यक्ष की मृत्यु पदत्याग या अन्य कारण हो तो सदस्य अध्यक्ष के रूप में कार्य कर सकता हैं।


त्यागपत्र :– स्वयं हस्ताक्षर सहित लेख द्वारा राज्यपाल को। 

हटाया जाना :– 

✍️ कदाचार या असमर्थता के आधार पर सर्वोच्च न्यायालय जांच करेगा तथा जांच के आधार पर राष्ट्रपति द्वारा हटाया जाता हैं।

Note :- यह राज्यपाल के प्रसाद पर्यन्त नहीं होता हैं।


कार्य :–

• मानव अधिकारों का संरक्षण करना ।

• मानवाधिकार उल्लंघन से संबंधित मामलों की जांच करना।

 • समय-समय पर जेल का निरीक्षण करना ।

• हिरासत में मृत्यु या फर्जी एनकाउंटर की जांच करना ।

• महिला / SC / ST के भेदभाव की जांच करना ।

• मानवाधिकार क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास करना।

 नोट :– यह 1 वर्षीय पुराने मामलों की जांच नहीं कर सकता।

 ✍️ राज्य मानवाधिकार आयोग को दीवानी अदालत की शक्तियां प्राप्त है।

 प्रथम अध्यक्ष – कांता भटनागर

 वर्तमान अध्यक्ष गोपाल कृष्ण व्यास 

सदस्य 

• महेश गोपाल 

• जस्टिस राम सिंह झाला ।


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