राज्य निर्वाचन आयोग
Article 243K :- पंचायती राज संस्थाओं हेतु।
Article 243ZA :- नगर निकायों हेतु।
✍️ राज्य में पंचायतीराज तथा नगर निकायों के चुनाव संपादित करवाने हेतु राज्य निर्वाचन आयोग की स्थापना की गईं।
✍️ राज्य निर्वाचन आयोग एक स्वायत्त स्वतंत्र तथा संवैधानिक संस्था हैं इसका केन्द्रीय निर्वाचन आयोग से कोई संबंध नहीं है।
✍️ यह एक सदस्यीय आयोग है – राज्य निर्वाचन आयुक्त।
नियुक्ति :– राज्यपाल
त्यागपत्र :– राज्यपाल
✍️ यह राज्यपाल के प्रसादपर्यन्त नहीं होते अर्थात् इन्हें राज्यपाल नहीं हटा सकता।
✍️ इन्हे हटाने की प्रक्रिया उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के समान है
इस प्रक्रिया के तहत संविधान के उल्लंघन का दोषी पाए जाने पर राष्ट्रपति पद मुक्त करेगा।
कार्यकाल :– 5 वर्ष या 65 वर्ष की आयु
कार्य :–
• पंचायतीराज/नगर निकायों के निर्वाचन
• आचार संहिता लगाना तथा उनका पालन करवाना
• मतदाता सूची update करना।
• चुनाव तिथियों की घोषणा करना
• पोलिंग पार्टी तथा पोलिंग बूथ का गठन करना।
अधिकार :–
1. चुनाव सम्बन्धी शिकायत से संतुष्ट होने पर चुनाव स्थगित कर सकता हैं।
2. मतदान केन्द्र पर हिंसा, कब्ज़ा या अपारदर्शिता हो जाए, तो पुनः चुनाव करवा सकता है।
3. इनसे संबंधित वाद को न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती।
गठन :– 1 July, 1994
H.Q. (मुख्यालय) :– Jaipur
राज्य निर्वाचन आयुक्त :–
1. अमरसिंह राठौड़
2. N.R. भसीन
3. इंद्रजीत खन्ना
4. अशोक कुमार पाण्डे
5. रामलुभाया
6. प्रेमसिंह मेहरा
7. मधुकर गुप्ता (वर्तमान)
✍️ राज्य में पहली बार पंचायत चुनाव 1960 में (पंचायती राज विभाग द्वारा)
✍️ राज्य में पहली बार शहरी निकाय चुनाव 1960 (स्थानीय नगरीय विभाग द्वारा)
✍️ राज्य निर्वाचन आयोग ने 1995 में प्रथम बार पंचायती राज तथा नगर निकायों का चुनाव करवाया।
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