राजस्थान की झीलें :
• राजस्थान में सर्वाधिक झीलें – उदयपुर में
✓ राजस्थान की मीठे पानी की झीलें :-
• जयसमंद झील – उदयपुर
• पिछोला झील – उदयपुर
• फतेहसागर झील – उदयपुर
• उदय सागर झील – उदयपुर
• नक्की झील – माउंट आबू सिरोही
• राजसमंद झील – राजसमंद
• नंदसमंद झील – राजसमंद
• आनासागर झील – अजमेर
• फॉयसागर झील – अजमेर
• पुष्कर झील – अजमेर
• गजनेर झील – बीकानेर
• कोलायत झील – बीकानेर
• कायलाना झील – जोधपुर
• बालसमंद झील – जोधपुर
• सिलीसेढ़ झील – अलवर
• तालाब-ए-शाही झील – धौलपुर
• अमर सागर झील – जैसलमेर
• गढ़सीसागर झील – जैसलमेर
✓राजस्थान की खारे पानी की झीलें :-
• सांभर झील – जयपुर
• डीडवाना झील – नागौर
• नावां झील – नागौर
• डेगाना झील – नागौर
• कुचामन झील – नागौर
• पचपदरा झील – बाड़मेर
• लूणकरणसर झील – बीकानेर
• कावोद झील – जैसलमेर
• रेवासा झील – सीकर
• काछोरा झील – सीकर
• फलोदी झील – जोधपुर
• तालछापर झील – चूरू
राजस्थान की मीठे पानी की झीलें :–
1 जयसमगंद झील ( उदयपुर)
• निर्माता- महाराज जयसिंह
• निर्माण काल- 1685- 1691
• नदी- गोमती
• जयसमंद झील पर “7 टापू” स्थित है।
• इस झील पर स्थित सबसे बड़े टापू का नाम “बाबा का भाखड़ा” है।
• सबसे छोटे टापू को “प्यारी” के नाम से जाना जाता है ।
• इन टापू पर रहने वाली जनजाति भील मीणा जनजाति है।
• जयसमंद झील राजस्थान की मानव निर्मित सबसे बड़ी झील है।
• ताजमहल पर रूठी रानी का महल इस झील के किनारे चित्रित है।
• इसे “जलचरओं की बस्ती” कहा जाता है। यहां पर सर्वाधिक जलीय जीव पाए जाते हैं।
• श्यामपुर – भाट नेहरे:- सिंचाई के लिए जयसमंद झील से निकली गई है।
2 नक्की झील ( माउंट आबू)
• निर्माण- लोक कहावतों के अनुसार देवताओं के नाखूनों द्वारा हुआ है।
• यह एक क्रेटर झील है अर्थात ज्वालामुखी झील।
• राजस्थान की सबसे ऊंची झील नक्की झील मानी जाती है इसकी ऊंचाई 1200 मीटर है।
• यह झील राजस्थान में जमने वाली एकमात्र झील है।
• इसे राजस्थान की सबसे गहरी झील(35 मी) कहते हैं।
• इसके पास पाई जाने वाली चट्टाने निम्न है।
1 टॉड रॉक – मेंढक जैसी चट्टान।
2 नंदी रॉक – शिव के बैल जैसी चट्टान।
3 नन रॉक – घुंघट कूड़े दुल्हन जैसी चट्टान।
• हिल स्टेशन वाली झील कही जाती है यहां का सनसेट पॉइंट( सूर्यास्त) बहुत प्रसिद्ध है।
• गरासिया जनजाति अस्थियों का विसर्जन इसी झील में करती है।
3 राजसमंद झील (राजसमंद) :-
• निर्माता- राजसिंह
• निर्माण कार्य- 1662 ई
• नदी- गोमती
• इस झील के निर्माण में सर्वाधिक लोगों का(60,000) योगदान है।
• इस दिल के किनारे 25 काले रंग के संगमरमर के शिलालेख स्थित है।
• ” नौ चौकी पाल” ( सीढ़ियां) राजसमंद झील में है।
• इन पर मेवाड़ का इतिहास रणछोड़ भट्ट तैलंग द्वारा संस्कृत भाषा में लिखा गया है। जिसमें मेवाड़ के बप्पा रावल से राजसिंह तक का इतिहास है।
• द्वारकाधीश मंदिर और घेवर माता की छतरी इसी जिले के किनारे निर्मित है।
• हाल ही में इस झील के किनारे सूर्य घड़ी के अवशेष मिले हैं।
4 पिछोंला झील (उदयपुर)
• निर्माण- 1388 ई
• निर्माता- बंजारा( राणा लाखा के समय)
• नदी- सिसारमा, बुझड़ा।
• शाहजहां ने अपने विद्रोह काल में इसी झील पर शरण ली थी।
• महाराणा जगत सिंह द्वितीय ने पिछोला झील में जगनिवास नामक महल बनवाए
• जगमंदिर से प्रेरित होकर शाहजहां ने ताजमहल का निर्माण कराया था।
• स्वरूप सागर नहर पिछोला और फतहपुर को जोड़ती है।
• पिछोला का अतिरिक्त पानी फतहनगर में जाता है।
• सौर ऊर्जा द्वारा संचालित प्रथम नाव इसी झील में चलाई गई थी।
• पिछोला में प्रसिद्ध निर्माण:–
1 जगमंदिर – जगत सिंह प्रथम
2 जग निवास – जगत सिंह द्वितीय
3 नटनी का चबूतरा (राणा लाखा)
5 फतेह सागर ( उदयपुर)
• निर्माण- महाराजा जयसिंह (1688)
• पुनः निर्माण – फतेह सिंह ( 1888)
• नदी – सिसीरमा,बुझड़ा
• उपनाम- ड्यूक ऑफ कनॉट, देवाली तालाब, कनॉट बांध
• फतेह सागर में प्रसिद्ध :-
1 नेहरू उद्यान
2 सौर ऊर्जा वेधशाला- इस झील के पास गुजरात के सहयोग से बनाई गई है।
3 टेलीस्कोप- इस झील के पास बेल्जियम के सहयोग से बनाया गया है।
6 उदय सागर( उदयपुर)
• निर्माता- उदय सिंह
• निर्माण काल- 1559
• नदी – आयड नदी
• आयड नदी उदय सागर में गिरने के बाद बेडच कहलाती है।
राजस्थान की खारे पानी की झीलें :–
सांभर झील
पचपदरा झील
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